IIP Growth: 4 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर औद्योगिक उत्पादन, जुलाई में कितनी रही ग्रोथ?
IIP Growth: जुलाई 2025 में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 3.5% का इजाफा हुआ है। 2025 के पिछले महीने में आईआईपी वृद्धि 1.5% थी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 5.4 फीसदी की ग्रोथ के कारण ही औद्योगिक उत्पादन काफी बढ़ा।
Industrial production growth India
IIP Growth: देश की फैक्ट्री आउटपुट यानी इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन ने जुलाई 2025 में बड़ी छलांग लगाई है और इसमें 3.5% की बढ़त दर्ज हुई है। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस ग्रोथ के पीछे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की 5.4% की मजबूती सबसे अहम वजह रही। जून 2025 में औद्योगिक उत्पातन की ग्रोथ सिर्फ 1.5 फीसदी रही थी। मार्च 2025 के बाद यह इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की सबसे अच्छी ग्रोथ है, जब 3.9% की वृद्धि दर्ज की गई थी। हालांकि, जुलाई 2024 में यह ग्रोथ 5 फीसदी रही थी।
अगर अलग-अलग सेक्टर के हिसाब से देखएं तो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मजबूती जुलाई का सबसे बड़ा आकर्षण रहा। यह सेक्टर पिछले साल जुलाई में 4.7 फीसदी बढ़ा था जबकि इस साल जुलाई में ग्रोथ 5.4 पर्सेंट तक पहुंच गई। इसके अलावा माइनिंग प्रोडक्शन में जुलाई में 7.2% की गिरावट दर्ज की गई। पिछले साल इसी महीने यह 3.8% की ग्रोथ पर था। पावर सेक्टर यानी बिजली उत्पादन में सिर्फ 0.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि एक साल पहले इसी महीने ये इजाफा 7.9 फीसदी था।
वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जुलाई अवधि में देश का कुल इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 2.3% बढ़ा। जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह ग्रोथ 5.4% रही थी।
कौन से उद्योग सबसे आगे?
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2025 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के 23 में से 14 इंडस्ट्री ग्रुप्स ने पॉजिटिव ग्रोथ दर्ज की। टॉप तीन ग्रुप्स जिन्होंने जुलाई की ग्रोथ को सबसे ज्यादा सहारा दिया है, उनमें बेसिक मेटल्स का उत्पादन 12.7 फीसदी बढ़ा है। एमएस स्लैब, अलॉय स्टील प्रोडक्टस ने भी इसमें काफी मदद की है। वहीं, इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट में भी 15.9% का इजाफा हुआ है। इलेक्ट्रिक हीटर, सर्किट प्रोटेक्शन डिवाइस और स्मॉल ट्रांसफॉर्मर की मांग बढ़ी है। सीमेंट, क्लिंकर और मार्बल स्लैब्स ने भी ग्रोथ को मजबूती दी है।
जुलाई 2025 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने इंडस्ट्रियल ग्रोथ को बड़ा सहारा दिया है लेकिन माइनिंग और पावर सेक्टर की कमजोरी ने तस्वीर को संतुलित कर दिया। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मैन्युफैक्चरिंग अकेले पूरी इंडस्ट्रियल ग्रोथ को ऊपर खींच पाता है या अन्य सेक्टर भी योगदान देते हैं।
(प्रियंका कुमारी)