India–China flights: भारत-चीन के बीच 5 साल बाद सीधी हवाई सेवा शुरू, कोलकाता से ग्वांग्झू के बीच उड़ेगी पहली फ्लाइट
India–China direct flights: भारत और चीन के बीच पांच साल बाद सीधी उड़ानें फिर शुरू हुईं। पहली उड़ान आज रात 10 बजे कोलकाता से ग्वांगझू जाएगी। यह कदम दोनों देशों के रिश्तों में नरमी और नए तालमेल का संकेत है।
India–China direct flights: भारत और चीन के बीच पांच साल बाद सीधी हवाई सेवा आज (रविवार) से फिर शुरू हो रही हैं। यह कदम दोनों देशों के बीच धीरे-धीरे पिघलती बर्फ का सबसे बड़ा संकेत माना जा रहा। पहली इंडिगो फ्लाइट आज (रविवार) रात 10 बजे कोलकाता से ग्वांगझू के लिए रवाना होगी।
कोविड-19 महामारी और लद्दाख में सीमा तनाव के बाद 2020 में दोनों देशों के बीच उड़ानें बंद हो गई थीं। अब लगभग पांच साल बाद ये उड़ानें दोबारा शुरू हो रही हैं।
कोलकाता-ग्वांगझू रूट के बाद, शंघाई और नई दिल्ली के बीच उड़ानें 9 नवंबर से फिर शुरू होंगी। यह सेवा चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस संचालित करेगी। इसके अगले ही दिन, यानी 10 नवंबर को इंडिगो दिल्ली-ग्वांगझू रूट भी शुरू करेगी। दोनों देशों के सिविल एविएशन अधिकारियों ने पिछले कुछ हफ्तों में मिलकर इन उड़ानों की सभी तैयारियां पूरी कीं।
चीन ने इसे सकारात्मक कदम बताया
चीन ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने की दिशा में सकारात्मक पहल है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच हाल ही में बनी समझ का परिणाम है। चीन भारत के साथ रिश्तों को दीर्घकालिक और रणनीतिक दृष्टि से आगे बढ़ाना चाहता है।
वहीं, भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने एक्स पर लिखा, 'भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें अब हकीकत बन गई हैं। कोलकाता-ग्वांगझू आज से शुरू, जबकि शंघाई-नई दिल्ली रूट 9 नवंबर से।'
तनाव से तालमेल तक का सफर
कोविड महामारी के दौरान 2020 में दोनों देशों ने सीमाएं बंद कर दी थीं और उड़ानें स्थगित कर दी गईं। उसी साल गलवान घाटी की झड़पों ने रिश्तों में भारी ठंडक ला दी थी। हालांकि, कई दौर की सैन्य और राजनयिक वार्ताओं के बाद दोनों देशों ने सीमा के कुछ इलाकों से सेना हटाने पर सहमति बनाई। पिछले साल एससीओ समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने रिश्तों में नया मोड़ दिया। उड़ानों की बहाली उसी वार्ता का ठोस नतीजा मानी जा रही है।
यात्रियों और कारोबार के लिए राहत
फिलहाल ये उड़ानें हफ्ते में तीन दिन चलेंगी लेकिन मांग बढ़ने पर संख्या बढ़ाई जाएगी। इससे छात्रों, कारोबारियों और परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी, जो पिछले वर्षों में संपर्क की कमी से परेशान थे। 2020 से पहले, हर साल 10 लाख से ज्यादा यात्री भारत-चीन के बीच सीधी या कनेक्टिंग उड़ानों से यात्रा करते थे।
एक व्यापार विश्लेषक ने कहा कि यह आसमान में छोटा कदम है, लेकिन जमीन पर बड़ा संकेत। दोनों देश अब देखना चाहते हैं कि रिश्ते कितनी दूर तक पटरी पर लौट सकते हैं।
(प्रियंका कुमारी)