Gold Vs SIP: हर महीने 5 हजार करते हैं निवेश तो 15 साल में किसमें मिलेगा बेहतर रिटर्न?
Gold Vs SIP: अगर आप लंबी अवधि का सोचकर निवेश करने का मन बना रहे तो गोल्ड और एसआईपी दोनों ही अच्छे विकल्प हैं। लेकिन, किसमें बेहतर रिटर्न मिल सकता है और जोखिम के लिहाज से कौन बेहतर है। आइए जानते हैं।
कहां करें निवेश – गोल्ड या SIP? कौन है लॉन्ग टर्म में बेहतर
Gold Vs SIP: लगातार बचत के साथ पैसा जमा करने के लिए लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल प्लानिंग की जरूरत होती है। बाजार में इतने सारे निवेश विकल्प उपलब्ध होने के कारण, उपयुक्त बचत साधनों को चुनना कई बार भ्रमित करने वाला हो सकता है। हालांकि, गोल्ड, म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट, सभी उम्र के निवेशकों के बीच सबसे लोकप्रिय बचत विकल्पों में से कुछ हैं।
अलग-अलग निवेश विकल्पों के अपने जोखिम और फायदे होते हैं। उनके रिटर्न के आधार पर, अलग-अलग निवेश अवधि के लिए अनुशंसित किया जाता है। उदाहरण के लिए, अत्यधिक वोलेटाइल इक्विटी-लिंक्ड प्रोडक्ट में आमतौर पर स्मॉल टर्म निवेश का सुझाव दिया जाता है। ऐसे में कोई हाइब्रिड फंड, डेट इंस्ट्रूमेंट या फिक्स्ड डिपॉजिट का विकल्प चुन सकता है।
इसी तरह, लंबी अवधि के लिए, कोई इक्विटी या गोल्ड पर भी विचार कर सकता है क्योंकि इनमें अधिक रिटर्न की संभावना होती है और ये लंबी निवेश अवधि में जोखिम को फैला सकते हैं। हालाँकि सोना और इक्विटी दोनों आकर्षक लगते हैं लेकिन इनके अपने जोखिम और लाभ भी हैं।
इक्विटी म्यूचुअल फंड में कभी-कभी असाधारण रिटर्न, कभी-कभी एफडी के दोगुने से भी अधिक, की संभावना होती है। दूसरी ओर, जोखिम से बचने वाले निवेशकों के लिए सोना एक बहुत पसंदीदा एसेट है। अपने स्थिर रिटर्न के कारण, गोल्ड कई लोगों के लिए एक सुरक्षित निवेश विकल्प रही है। पिछले रुझानों के अनुसार, निवेशक सोने में निवेश से लगभग 10% प्रति वर्ष रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।
15 साल की अवधि में Gold vs SIP
अगर आप 15 साल की निवेश अवधि की योजना बना रहे हैं, तो सोना और म्यूचुअल फंड एसआईपी दोनों ही बेहतर विकल्प हो सकते हैं। लेकिन, अंतिम निर्णय आपकी जोखिम क्षमता और फाइनेंशयल जरूरतों के आधार पर लिया जाना चाहिए।
आइए समझने की कोशिश करते हैं कि 5000 रुपये के मासिक निवेश पर एसआईपी और सोना दोनों कैसे फायदेमंद हो सकते हैं और किसमें कितना रिटर्न मिल सकता है।
म्यूचुअल फंड अवधि: 15 साल
- एसआईपी राशि: 5,000 रुपये महीना
- अपेक्षित रिटर्न: 12%
- इंवेस्टमेंट अमाउंट: 9,00,000 रुपये
- अनुमानित रिटर्न: 16,22,879 रुपये
- टोटल वैल्यू: 25,22,879 रुपये
गोल्ड: अवधि: 15 साल
- राशि: 5,000 रुपये महीना
- अपेक्षित रिटर्न: 10%
- इंवेस्टमेंट अमाउंट: 9,00,000 रुपये
- अनुमानित रिटर्न: 11,89,621 रुपये
- टोटल वैल्यू: 20,89,621 रुपये
जैसा कि देखा जा सकता है, 15 साल की अवधि में म्यूचुअल फंड का रिटर्न ज़्यादा आकर्षक लगता है क्योंकि इसमें अपेक्षित ज़्यादा रिटर्न और कंपाउंडिंग की शक्ति का बड़ा फायदा मिलता है। हालाँकि, एसआईपी योजनाओं को उच्च जोखिम वाला साधन माना जाता है और इन पर मिलने वाले रिटर्न की कभी गारंटी नहीं होती। हालाँकि सोने में भी रिटर्न पक्का नहीं होता, लेकिन इसे म्यूचुअल फंड से ज़्यादा सुरक्षित माना जाता है।
बहरहाल, कोई भी बड़ा निवेश करने से पहले किसी विशेषज्ञ से अपने वित्तीय लक्ष्यों पर चर्चा ज़रूर करें और इसके बाद ही किसी फैसले पर पहुंचे। लेकिन, लॉन्ग टर्म का सोचकर आप निवेश कर रहे तो दोनों ही फायदा का सौदा है।
(प्रियंका कुमारी)