ITR फाइलिंग की डेडलाइन नज़दीक: अंतिम समय में गलतियों से बचने के लिए क्या करें, पेनल्टी कितनी लगेगी?

ITR की डेडलाइन करीब है,ऐसे में आईटीआर फाइल करने में गलती हो सकती है। इसलिए पहले से ही अपने पास सही फॉर्म और सभी इनकम सोर्स और प्री-वैलेडेटेड बैंक अकाउंट अनिवार्य रूप से रख लें।

Updated On 2025-09-13 13:13:00 IST

आईटीआर डेडलाइन बढ़ाई: रिटर्न फाइल करते समय इन बातों का रखें ध्यान। 

ITR Filing last date: आयकर रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी तारीख करीब है और ऐसे में अधिकतर टैक्सपेयर जल्दीबाजी में इसे पूरा करने की कोशिश करते हैं। नतीजा यह होता है कि गलतियां हो जाती हैं, जिससे न केवल रिफंड में देरी होती है, बल्कि पेनल्टी भी लग सकती है। अगर सही तरीके से और समय पर रिटर्न भरा जाए तो न केवल आयकर अधिनियम, 1961 के उल्लंघन से बचा जा सकता, बल्कि गैर जरूरी वित्तीय टेंशन से भी राहत मिलती है।

सबसे पहला कदम है जरूरी दस्तावेज़ इकट्ठा करना। जैसे फॉर्म 16, वार्षिक सूचना विवरण (AIS), टीडीएस सर्टिफिकेट, बैंक इंटरेस्ट सर्टिफिकेट और निवेश के सबूत। सब दस्तावेज़ एक जगह रखने से डिटेल्स सही भरना आसान होता है और टैक्स विभाग से नोटिस मिलने का जोखिम कम हो जाता है।

सही ITR फॉर्म चुनें

आपकी आय और कैटेगरी के हिसाब से अलग-अलग ITR फॉर्म होते हैं। सैलरी पाने वालों के लिए आमतौर पर ITR-1 होता है लेकिन बिज़नेस इनकम या कैपिटल गेन वालों को आईटीआर-2 या आईटीआर-3 भरना पड़ सकता है। गलत फॉर्म भरने पर रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है या प्रोसेसिंग लेट हो सकती है।

बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट करें

रिफंड सिर्फ उसी बैंक अकाउंट में आता है जो पैन और आधार से जुड़ा हो और प्री-वैलिडेट किया गया हो। अक्सर लोग इस स्टेप को छोड़ देते हैं, जिसकी वजह से रिफंड आने में देरी हो जाती है।

सभी इनकम सोर्स बताएं

सैलरी, किराया, ब्याज या कैपिटल गेन हर आय का उल्लेख करें। यहां तक कि छूट वाली आय जैसे कृषि आय या डिविडेंड भी रिपोर्ट करनी चाहिए। इससे पारदर्शिता बनी रहती है और भविष्य में नोटिस से बचा जा सकता है।

सेल्फ-असेसमेंट टैक्स चुका दें

अगर टीडीएस और एडवांस टैक्स एडजस्टमेंट के बाद भी टैक्स बकाया है तो उसे रिटर्न भरने से पहले चुका दें। ऐसा न करने पर धारा 234A, 234B और 234C के तहत ब्याज और जुर्माना लग सकता है।

ई-वेरिफिकेशन ज़रूरी

रिटर्न तभी पूरा माना जाएगा जब आप उसे ई-वेरिफाई करेंगे। यह आधार ओटीपी, नेट बैंकिंग या डिजिटल सिग्नेचर से किया जा सकता है। 30 दिन के अंदर वेरिफिकेशन न करने पर आईटीआर अमान्य हो जाएगा और आपको दोबारा भरना पड़ेगा।

पेनल्टी और सुधार

डेडलाइन मिस करने पर 5 लाख तक की आय वालों को 1 हजार और उससे ज्यादा आय वालों को 5000 जुर्माना देना होगा। हालांकि, अगर जल्दबाजी में कोई गलती हो जाए तो मूल्यांकन वर्ष के अंत तक संशोधित रिटर्न फाइल किया जा सकता है।

(प्रियंका कुमारी)

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