ITR Filing Rules: इनकम अगर टैक्स फ्री है तो भी ITR फाइल करने की जरूरत? क्या हैं इसके नियम
ITR Filing Rules: टैक्स-फ्री या छूट सीमा से कम इनकम होने पर भी कुछ हालात में ITR भरना जरूरी होता है। यह रिफंड, लोन, वीजा और निवेश से जुड़े मामलों में आपकी मदद करता है। ITR न भरने से आपको कई नुकसान भी हो सकते हैं।
Why should you file an ITR even if not required
ITR Filing Rules: आयकर रिटर्न (ITR) भरने का सीजन शुरू हो चुका है। फाइनेंशियल ईयर 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए आयकर विभाग ने ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है। यह डेडलाइन उन टैक्सपेयर्स के लिए है, जिन्हें अपने खातों का ऑडिट कराने की जरूरत नहीं है। विशेषज्ञों की सलाह है कि आखिरी समय की भाग-दौड़ से बचने के लिए ITR समय पर भरें।
कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि अगर आपकी इनकम टैक्स-फ्री है या छूट सीमा से कम है, तो क्या फिर भी ITR भरना जरूरी है? जवाब है, कुछ खास हालात में इसका जवाब हां है।
किन स्थितियों में ITR भरना अनिवार्य है?
आयकर अधिनियम, 1961 के मुताबिक, इन परिस्थितियों में आपको ITR भरना जरूरी है, चाहे आपकी आय टैक्स योग्य हो या नहीं:
- एक या अधिक सेविंग अकाउंट में सालभर में 50 लाख रुपये या उससे अधिक जमा करना।
- एक या अधिक करेंट अकाउंट में सालाना 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक जमा करना (व्यवसाय के लिए यह नियम लागू नहीं)।
- किसी व्यवसाय का सालाना टर्नओवर 60 लाख रुपये से ज्यादा होना।
- एक साल में किसी एक बिजली बिल पर 1 लाख रुपये या उससे अधिक का भुगतान।
- एक वित्त वर्ष में विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये या उससे अधिक खर्च करना।
बेसिक छूट सीमा
पुरानी टैक्स व्यवस्था में 60 साल से कम उम्र वालों के लिए छूट सीमा 2.5 लाख रुपये है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए 3 लाख रुपये और सुपर सीनियर सिटीजन के लिए 5 लाख रुपये। नई टैक्स व्यवस्था में सभी उम्र के लिए यह सीमा 3 लाख रुपये है।
ITR भरने के फायदे
रिफंड का दावा
बैंकों द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट या सेविंग अकाउंट पर TDS काटा जाता है। सैलरी में भी TDS कट सकता है। अगर आपकी कुल आय टैक्स योग्य सीमा से कम है, तो आप पूरा रिफंड पा सकते हैं लेकिन ये केवल ITR भरकर।
आय का सबूत
होम लोन, कार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय बैंक ITR को आय के प्रमाण के तौर पर मांगते हैं।
कैपिटल लॉस आगे बढ़ाना
शेयर बाजार या बिजनेस में हुए घाटे को आगे के सालों में मुनाफे से समायोजित करने का मौका सिर्फ ITR भरने पर मिलता है।
अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा या शेंगेन वीजा के लिए आवेदन करते समय पिछले 2-3 सालों के ITR की मांग हो सकती है। इसका मतलब है कि ITR सिर्फ कानूनी अनुपालन का हिस्सा नहीं, बल्कि आपके फाइनेंशनल फ्यूचर के कई दरवाजे खोलने वाली कुंजी है।
(प्रियंका कुमारी)