GST Reforms: कार, मोबाइल, तेल-साबुन...नए जीएसटी स्लैब में क्या-क्या सस्ता होगा? जानें
GST Reforms: केंद्र सरकार ने दिवाली पर लोगों को तोहफा देने के इरादे से जीएसटी स्लैब में बदलाव का ऐलान किया है। नए जीएसटी सिस्टम के तहत पिछले के 4 के मुकाबले सिर्फ दो ही टैक्स स्लैब होंगे। इसमें क्या-क्या सस्ता होगा, जानें।
GST Reforms: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त के दिन लालकिले के प्राचीर से जिस नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी सुधार की घोषणा की थी, उसका लोगों पर काफी गहरा असर पड़ेगा। इससे उनकी बचत काफी बढ़ सकती है। सरकार ने जीएसटी स्लैब्स में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर ली है, जिससे रोजमर्रा की चीजों से लेकर कार-बाइक तक की कीमतें कम हो जाएंगी।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार जीएसटी ढांचे को सरल बनाते हुए केवल 2 बड़े टैक्स स्लैब्स पर काम कर रही। एक 5% और दूसरा 18%। पहले से लागू 12% और 28% के स्लैब खत्म कर दिए जाएंगे और इस दायरे में आने वाले सामान को अब 5% या 18% में एडजस्ट किया जाएगा। इस सुधार से 28% जीएसटी देने वाले करीब 90% सामान अब 18% स्लैब में आ जाएंगे। वहीं, 12% स्लैब में आने वाले सामान को 5% पर लाया जाएगा।
सरकार का कहना है कि 5% टैक्स स्लैब में उन वस्तुओं को रखा जाएगा,जिन्हें लोग रोजमर्रा में इस्तेमाल करते हैं।
क्या-क्या होगा सस्ता?
सरकार की ओर से पूरी सूची अभी जारी नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इन वस्तुओं पर टैक्स कम होगा।
- टूथपेस्ट, तेल, साबुन जैसी रोजमर्रा की चीजें
- साइकिल, जूते-चप्पल (500-1000 के बीच), रेडीमेड कपड़े (1 हजार से ऊपर)
- छोटे घरेलू उपकरण जैसे प्रेशर कुकर, सिलाई मशीन, छोटी वॉशिंग मशीन
- मोबाइल फोन, कंप्यूटर और स्टेशनरी आइटम
- कृषि उपकरण, प्रोसेस्ड फूड और सिरेमिक टाइल्स
18% स्लैब में क्या आएगा?
बड़े घरेलू उपकरण जैसे टीवी, फ्रिज, एसी, वॉशिंग मशीन और सोडा ड्रिंक्स अब 18% टैक्स के दायरे में होंगे। साथ ही निर्माण सामग्री जैसे रेडी मिक्स कंक्रीट और सीमेंट भी इसी स्लैब में रहेंगे।
गाड़ियां और दोपहिया होंगे सस्ते
अभी पैसेंजर गाड़ियों पर 28% जीएसटी के साथ इंजन के हिसाब से 22% तक का सेस भी लगता है। दोपहिया गाड़ियों पर भी 28% जीएसटी है। लेकिन नए ढांचे में 28% स्लैब खत्म हो जाएगा और इन्हें 18% पर लाया जाएगा। यानी गाड़ियां और बाइक कम से कम 10% सस्ती हो सकती हैं। यही कारण है कि सोमवार को निफ्टी ऑटो इंडेक्स 4.61% उछल गया।
सिगरेट और तंबाकू पर सिन टैक्स
सरकार ने साफ किया है कि तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पादों पर टैक्स में कोई राहत नहीं होगी। इन पर 40% का विशेष 'सिन टैक्स' लगाया जाएगा।
आर्थिक मोर्चे पर बढ़ेगा भरोसा
सरकार को उम्मीद है कि इस सुधार से भले ही 50 हजार करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो, लेकिन खपत बढ़ने से यह घाटा पूरा हो जाएगा। इसी बीच, ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (S&P) ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को 20 साल बाद अपग्रेड करते हुए BBB- से BBB कर दिया है। इससे निवेशकों का भरोसा और मजबूत होगा।
दिवाली तक रोजमर्रा की चीजों से लेकर गाड़ियों तक, सबकुछ सस्ता होने की उम्मीद है। इसका असर सीधे तौर पर आम जनता की जेब पर पड़ेगा और त्योहारी सीजन से पहले यह कदम अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देने का काम करेगा।
(प्रियंका कुमारी)