Adani Power share: अडानी पावर के शेयर 80 फीसदी गिरे तो दिल धक्क सा हो गया, फिर लगाई 20% की छलांग, क्यों ऐसा हुआ?

Adani Power share price: अडानी पावर के शेयर सोमवार को स्टॉक स्प्लिट के बाद 20 फीसदी चढ़कर नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंचे। 80 फीसदी की गिरावट जो शुरुआत में दिखी थी, वो सिर्फ तकनीकी एडजस्टमेंट थी। असल में निवेशकों की शेयर वैल्यू पर कोई फर्क नहीं पड़ा।

Updated On 2025-09-22 15:11:00 IST

Adani Power share stock split

Adani Power share price: अडानी पावर के शेयरों में सोमवार को जोरदार तेजी दिखी। बाजार में शुरुआती झटके के बाद जब शेयरों में करीब 80 फीसदी की गिरावट नजर आई तो निवेशक हैरान रह गए। लेकिन यह गिरावट हकीकत में स्टॉक स्प्लिट का असर था। असल में शेयर 20 फीसदी चढ़कर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए और ऊपरी सर्किट में फंस गए।

कंपनी ने अगस्त में बोर्ड मीटिंग के दौरान 1:5 के अनुपात में स्टॉक स्प्लिट को मंजूरी दी थी। इसके लिए 22 सितंबर रिकॉर्ड डेट तय हुई थी। यानी उस दिन तक जिन निवेशकों के पास अडानी पावर के शेयर थे, उन्हें यह फायदा मिला।

स्टॉक स्प्लिट से निवेशकों पर क्या असर?

मान लीजिए किसी निवेशक के पास अडानी पावर के 10 शेयर हैं, जिनकी कीमत 100 रुपये प्रति शेयर है। कुल मिलाकर उसकी होल्डिंग की वैल्यू 1000 रुपये हुई। स्टॉक स्प्लिट के बाद उसके पास 50 शेयर होंगे लेकिन कीमत घटकर 20 रुपये प्रति शेयर रह जाएगी। यानी कुल वैल्यू अभी भी 1000 रुपये ही रहेगी। फर्क सिर्फ इतना है कि शेयरों की संख्या बढ़ जाएगी।

स्टॉक स्प्लिट क्यों किया जाता है?

दरअसल कंपनियां स्टॉक स्प्लिट इसलिए करती हैं ताकि शेयरों की तरलता बढ़े और ज्यादा से ज्यादा रिटेल इंवेस्टर इसमें हिस्सेदारी ले सकें। छोटे निवेशक आसानी से शेयर खरीद सकें, इसलिए इसकी कीमत कम कर दी जाती है। अडानी पावर ने साफ किया कि इस कदम का मकसद शेयरों को किफायती बनाना और खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ाना है।

अडानी पावर के शेयरों में नई ऊंचाई

स्टॉक स्प्लिट के बाद अडानी पावर के शेयर 20% उछलकर 170.25 रुपये पर पहुंच गए। यह शेयर का नया 52 हफ्तों का रिकॉर्ड हाई है। यानी बाजार में तकनीकी एडजस्टमेंट की वजह से जो 80 फीसदी गिरावट दिख रही थी, वह असल में एक ऑप्टिकल इल्युजन भर था।

ब्रोकरेज हाउस की स्टॉक को लेकर राय

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने अडानी पावर को ओवरवेट रेटिंग देते हुए इसे टॉप पिक बताया है। कंपनी का कहना है कि अडानी पावर भारत की कॉर्पोरेट दुनिया में एक बड़ी वापसी की मिसाल है। समय पर प्रोजेक्ट पूरे करने और नए पावर परचेज एग्रीमेंट जीतने की क्षमता से कंपनी की कमाई में बड़ा इजाफा हुआ है।

इसके अलावा हाल ही में सेबी ने गौतम अडानी और उनकी कंपनियों को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों से क्लीन चिट दे दी थी, जिससे निवेशकों का भरोसा ग्रुप की कंपनियों के प्रति और मजबूत हुआ है।

(प्रियंका कुमारी)

(Disclaimer: ये सामग्री सामान्य जानकारी के लिए है। हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता है और यूजर्स को सलाह देता है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।)

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