Personal Finance Tips: पर्सनल लोन लेकर भी आप बचा सकते हैं पैसे, इन 4 स्मार्ट तरीकों का करें इस्तेमाल
Personal Finance Tips: पर्सनल लोन सही तरीके से इस्तेमाल करने पर ब्याज बोझ कम किया जा सकता है। कर्ज कंसॉलिडेशन, छोटा टेन्योर और बेहतर रेट पाने की रणनीति सबसे फायदेमंद साबित होती हैं।
पर्सनल लोन सही तरीके से इस्तेमाल करने पर ब्याज बोझ कम किया जा सकता।
Personal Finance Tips: पर्सनल लोन को अक्सर सिर्फ नकदी की कमी के समय इस्तेमाल होने वाला विकल्प माना जाता है लेकिन सच यह है कि समझदारी से लिया गया पर्सनल लोन आपकी जेब में पैसा वापस भी डाल सकता है। हाई-इंटरेस्ट कर्ज चुकाने से लेकर बेहतर रेट पाने या ईएमआई को आसान बनाने तक, कुछ स्मार्ट कदम आपके ब्याज का बोझ काफी कम कर सकते हैं।
यहां जानिए पर्सनल लोन का इस्तेमाल कर पैसे बचाने के 4 कारगर तरीके
हाई-इंटरेस्ट कर्ज को एक जगह समेटें
अगर आपके पास कई कर्ज हैं, खासतौर पर क्रेडिट कार्ड बकाया तो पर्सनल लोन का इस्तेमाल करके उन्हें एक जगह कंसॉलिडेट करना सबसे आसान बचत का तरीका है। कम ब्याज दर वाला एक बड़ा लोन आपके कुल ब्याज बोझ को घटाता है और हर महीने कई ईएमआई की जगह सिर्फ एक ईएमआई का तनाव रहता है। कई वित्तीय विशेषज्ञ भी मानते हैं कि महंगे कर्ज को सस्ते कर्ज में बदलना ईएमआई कम करने की बेहतरीन रणनीति है।
छोटा टेन्योर चुनें, कम ब्याज दें
लंबी अवधि जरूर EMI घटा देती है लेकिन कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है। अगर आय अनुमति देती है, तो छोटे टेन्योर वाला लोन चुनने से आपका टोटल इंटरेस्ट बेहद कम हो जाता है। यह एक स्मार्ट, सीधा और ज्यादातर मामलों में फायदेमंद फैसला होता है।
कम ब्याज वाला लोन काम के खर्चों में लगाएं
हर खर्च बुरा नहीं होता। अगर लोन ऐसी चीज़ में लग रहा है जो आपकी कमाई बढ़ाए, जैसे प्रोफेशन से जुड़ा कोर्स, स्किल डेवलपमेंट, लैपटॉप, टूल्स आदि, तो यह एक निवेश बन जाता है। आजकल कई बैंक और एनबीएफसी योग्य ग्राहकों को 9.99% प्रति वर्ष के आसपास से पर्सनल लोन दे रहे। ऐसे लोन का सही इस्तेमाल भविष्य की आय बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।
रेट पर बातचीत करें
पर्सनल लोन में बचत की शुरुआत सही ब्याज दर से होती है। बेहतर सिबिल स्कोर, स्थिर नौकरी और कम कर्ज अनुपात वाले ग्राहकों को बैंक कम रेट पर लोन देते हैं। इसलिए आवेदन से पहले रेट्स तुलना करें, अपनी रिपोर्ट सुधारें और बैंक से बातचीत करें, थोड़ी सी मेहनत बड़ी बचत में बदल जाती है।
कई पर्सनल लोन में प्री-पेमेंट की सुविधा होती है। जैसे ही बोनस या एक्स्ट्रा इनकम मिले, लोन का कुछ हिस्सा चुका दें। इससे आपकी बाकी EMI और कुल ब्याज दोनों तेजी से घट जाते हैं।
(प्रियंका कुमारी)