GST Rates: ऑटो कंपनियों की डीलर्स को चेतावनी- जीएसटी दरों पर फैसले तक न बढ़ाएं इन्वेंट्री

नए GST रेट्स का इंतजार कर रहे ग्राहक त्योहारी सीजन से पहले कार खरीदारी को आगे बढ़ा रहे हैं। डीलर्स की मानें तो बुकिंग्स घटने का यही प्रमुख कारण है। अब दिवाली के आसपास ही मांग बढ़ेगी।

Updated On 2025-08-30 17:44:00 IST

GST Rates: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की दरों में बदलाव की तैयारी चल रही है। अगले महीने 3 और 4 सितंबर को GST काउंसिल की बैठक में छोटी और मिड-साइज कारों पर टैक्स 28% से घटाकर 18% करने का फैसला लिया जा सकता है। इसी संभावना के चलते ऑटो कंपनियों ने अपने डीलर्स को चेतावनी दी है कि जब तक दरों पर पूरी तरह स्पष्टता न मिले, तब तक इन्वेंट्री न बढ़ाएं। कंपनियों का कहना है कि लंबी वेटिंग वाली कारों की बजाय केवल तुरंत डिलीवरी होने वाले मॉडल ही स्टॉक करना फिलहाल बेहतर रहेगा।

घट सकती हैं कारों की कीमतें?

अगर GST दर 28% से घटकर 18% हो जाती है, तो कारें 50,000 से 70,000 रुपए तक सस्ती हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, 6 लाख रुपए एक्स-शोरूम कीमत वाली कार पर अभी 28% टैक्स लगने के बाद कीमत लगभग 7.74 लाख रुपए हो जाती है। वही कार 18% GST पर करीब 7.08 लाख रुपए में मिलेगी। यानी ग्राहक को लगभग 66,000 रुपए की बचत होगी। ऐसे में एंट्री-लेवल और छोटी कारों की मांग में जबरदस्त उछाल आ सकता है। पहली बार कार खरीदने वाले भी बड़ी संख्या में बाजार में उतर सकते हैं।

नई बुकिंग्स पर असर

त्योहारी सीजन से पहले ग्राहक खरीदारी टाल रहे हैं और नए GST रेट्स का इंतजार कर रहे हैं। डीलर्स का कहना है कि इस वजह से बुकिंग्स घटी हैं और मांग अब दिवाली के आसपास ही बढ़ने की संभावना है।

डीलर्स पर फाइनेंशियल प्रेशर

ऑटो डीलर्स आमतौर पर 45–60 दिन की शॉर्ट-टर्म फाइनेंसिंग से इन्वेंट्री मैनेज करते हैं। लेकिन बिक्री धीमी होने पर उन्हें बैंक और NBFC से लिए कर्ज की समय पर अदायगी में मुश्किल हो सकती है। इससे पेनाल्टी लगने और CIBIL स्कोर प्रभावित होने का खतरा है। इसीलिए फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने बैंकों व वित्तीय संस्थानों से राहत देने और पुनर्भुगतान अवधि बढ़ाने की मांग की है।

GST कट से ऑटो सेक्टर को बूस्ट

  • विशेषज्ञों का मानना है कि टैक्स कटौती से छोटी और मिड-साइज कारों की बिक्री तेज होगी। टू-व्हीलर और पैसेंजर व्हीकल (PV) सेगमेंट को सबसे बड़ा फायदा मिलेगा। अनुमान है कि FY26–28 के दौरान इनका वॉल्यूम 2–6% तक बढ़ सकता है।
  • टू-व्हीलर बाजार लंबे समय से दबाव में रहा है—FY19–22 में इसमें 35% की गिरावट आई थी। हालांकि FY22–25 में 13% की रिकवरी देखने को मिली। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि FY25–28 के बीच टू-व्हीलर की बिक्री 10% सालाना की रफ्तार से बढ़ सकती है।

(मंजू कुमारी)

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