Vitamin E: न्यूरो सिस्टम बिगाड़ सकती है विटामिन ई की कमी, स्किन-बालों पर होता है असर, जानें डिफिशिएंसी के नुकसान

Vitamin E Deficiency: शरीर में विटामिन ई की कमी बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। इससे न्यूरो सिस्टम डिस्टर्ब होने के साथ इम्यून सिस्टम भी प्रभावित होता है।

Updated On 2025-05-10 13:31:00 IST

Vitamin E Deficiency: विटामिन ई एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर को कोशिकीय क्षति से बचाने में मदद करता है। यह त्वचा, आंखों, प्रतिरक्षा प्रणाली और मांसपेशियों की सेहत के लिए अत्यंत आवश्यक होता है। हालांकि विटामिन ई की कमी बहुत आम नहीं है, लेकिन जब यह होती है तो इसके प्रभाव शरीर पर गंभीर रूप से दिखने लगते हैं।

विटामिन ई वसा में घुलनशील विटामिन है और यह मुख्य रूप से तिलहन, मेवे, हरे पत्तेदार सब्जियों और वनस्पति तेलों से प्राप्त होता है। इसकी कमी अक्सर पोषण की गड़बड़ी, कुछ दुर्लभ आनुवंशिक रोगों या वसा अवशोषण में समस्या के कारण होती है। आइए जानें कि शरीर में विटामिन ई की कमी से कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं।

विटामिन ई की कमी से होने वाले 5 नुकसान

मांसपेशियों की कमजोरी:

विटामिन ई की कमी से न्यूरोमस्कुलर (स्नायु-मांसपेशीय) कार्यों पर प्रभाव पड़ता है जिससे मांसपेशियों की कमजोरी महसूस होती है। यह कमजोरी धीरे-धीरे बढ़ सकती है और शरीर की पकड़, संतुलन व ताकत को प्रभावित कर सकती है। लंबे समय तक कमी बने रहने पर मांसपेशियों का नियंत्रण कम हो सकता है, जिससे चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है।

आई साइट में कमी:

विटामिन ई की कमी से आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचता है, जिससे दृष्टि कमजोर हो सकती है। रेटिनोपैथी (Retinopathy) नामक स्थिति विकसित हो सकती है, जिसमें दृष्टि धुंधली होने लगती है और रोशनी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है। बच्चों और बुजुर्गों में यह स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है और समय रहते इलाज न हो तो स्थायी दृष्टि हानि भी संभव है।

प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना:

विटामिन ई की कमी से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इससे शरीर को संक्रमणों से लड़ने में परेशानी होती है और बार-बार बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। खासकर बुजुर्ग और बच्चों में इसका असर अधिक देखा जाता है, जिनमें बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन जल्दी पकड़ते हैं।

तंत्रिका तंत्र की समस्याएं:

विटामिन ई की कमी से न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जैसे झुनझुनी, सुन्नता, चलने में असंतुलन और समन्वय की कमी हो सकती है। यह तंत्रिकाओं को क्षतिग्रस्त कर देता है जिससे शरीर का संतुलन और मूवमेंट प्रभावित होता है। दीर्घकालीन कमी के कारण स्पाइनल कॉर्ड और मस्तिष्क की कार्यक्षमता भी प्रभावित हो सकती है।

त्वचा और बालों की सेहत पर असर:

विटामिन ई की कमी से त्वचा रूखी, बेजान और खुरदरी हो सकती है। इसके अलावा बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं और उनमें चमक खो जाती है। चूंकि विटामिन ई त्वचा को पोषण और सुरक्षा प्रदान करता है, इसकी कमी त्वचा की उम्र बढ़ाने वाली झुर्रियों और दाग-धब्बों को जल्दी जन्म दे सकती है।

(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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