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Population Report:बीजेपी ने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। बीजेपी ने कहा कि अगर देश को कांग्रेस के सहारे छोड़ दिया गया तो आने वाले समय में हिंदुओं को बचाने वाला कोई नहीं होगा। 

Population Report: लोकसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की पॉपुलेशन रिपोर्ट (Population Report) से विवाद खड़ा हो गया है। रिपोर्ट में पिछले 65 वर्षों में हिंदू आबादी में लगभग आठ प्रतिशत की कमी पर प्रकाश डाला गया है, जबकि मुस्लिम आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बीजेपी ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। बीजेपी ने कहा कि अगर देश को कांग्रेस के सहारे छोड़ दिया गया तो आने वाले समय में हिंदुओं को बचाने वाला कोई नहीं होगा। 

कांग्रेस ने दशकों के शासन में यही किया: बीजेपी
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने रिपोर्ट शेयर करते हुए कांग्रेस पर सवाल उठाए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा  कि 1950 से 2015 के बीच, हिंदुओं की आबादी में 7.8% की कमी आई, जबकि मुस्लिम आबादी में 43% की वृद्धि हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आबादी में आए इस बड़े बदलाव के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। कांग्रेस ने दशकों तक देश पर शासन के दौरान यही किया है। अमित मालवीय ने कहा कि अगर देश को कांग्रेस शासन के भराेसे छोड़ दिया गया तो हिंदुओं के लिए कोई देश ही नहीं बचेगा। 

यूपी के डिप्टी सीएम ने भी रिपोर्ट पर दी प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस रिपोर्ट को लेकर कुछ ऐसी ही बात कही। उन्होंने कहा कि मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी के लिए कांग्रेस की अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की नीति जिम्मेदार है। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की जरूरत है। हिंदू आबादी में आई कमी और मुस्लिमों संख्या में हुई वृद्धि  कांग्रेस की नीतियों का नतीजा है। रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है। 

क्या कहा गया है रिपोर्ट में? 
अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) द्वारा साझा की गई रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 65 साल में देश में हिंदुओं की आबादी 7.8% कम हुई है, जबकि मुस्लिमों की आबादी में 43 प्रतिशत वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान जैन और पारसी धर्म की आबादी में भी गिरावट आई। हालांकि, सिख और बौद्ध आबादी में मामूली बढ़ोतरी हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां भारत के पड़ाेसी राज्यों में बहुसंख्यकों की आबादी बढ़ी है, वहीं भारत एक ऐसा देश हैं जहां इस वर्ग के लोगों की आबादी कम हुई है।

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