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Bharat Ratna 2024: राष्ट्रपति भवन में पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव, पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक डॉ.एमएस स्वामीनाथन मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया। इन सभी के परिवार के सदस्यों ने राष्ट्रपति के हाथों भारत रत्न सम्मान प्राप्त किया।

Bharat Ratna 2024: देश की चार विभूतियों को आज राष्ट्रपति भवन में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन में पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव, पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक डॉ.एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न प्रदान किया गया। इन चारों हस्तियों के परिवार के सदस्याें ने राष्ट्रपति के हाथों सम्मान प्राप्त किया।

इस साल पांच लोगों को भारत रत्न देने का ऐलान
सरकार ने इस साल पांच लोगों को भारत रत्न देने की घोषणा की है। पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव, पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक डॉ.एमएस स्वामीनाथन और पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी शामिल हैं। इन पांच भारत रत्न सम्मान पाने वालों में से सिर्फ लालकृष्ण आडवाणी ही जीवित हैं, बांकी सभी को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया।

लालकृष्ण आडवाणी को घर पर ही दिया जाएगा सम्मान
मरणोपरांत भारत रत्न पाने वाली शख्सियतों के परिवार के सदस्यों ने मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। हालांकि, लालकृष्ण आडवाणी के परिवार के सदस्य समारोह में नहीं पहुंचे। लाल कृष्ण आडवाणी को उनके घर पर ही यह सम्मान प्रदान किया जाएगा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। लाल कृष्ण आडवाणी  इस समय 96 साल के हैं और अपने घर पर ही रहते हैं। ज्यादा उम्र होने की वजह से उन्हें चलने फिरने में भी दिक्कत है, इसलिए वह सम्मान समारोह में नहीं पहुंच सके।

कर्पूरी ठाकुर के बेटे ने प्राप्त किया सम्मान
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर अपने पिता के सम्मान को राष्ट्रपति के हाथों ग्रहण किया। इस सम्मान समारोह के लिए सभी भारत रत्न सम्मान पाने वाली हस्तियों के परिवार के सदस्य शनिवार की सुबह ही राष्ट्रपति भवन पहुंच गए। सम्मान समारोह में सीएम नीतीश कुमार भी पहुंचे हैं।  केंद्र सरकार ने 23 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया था। 24 जनवरी को उनकी 100वीं जयंती से ठीक पहले इसकी घोषणा की गई थी।

कर्पूरी ठाकुर दो बार रहे बिहार के मुख्यमंत्री
कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को  बिहार समस्तीपुर जिल के पिपरी गांव में हुआ था। कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। मुख्यमंत्री के तौर पर उनका पहला कार्यकाल दिसम्बर 1970 से जून 1971 तक रहा था, जबकि उनका दूसरा मुख्यमंत्री कार्यकाल मार्च 1977 से अप्रैल 1977 तक रहा था। कपूर्री ठाकुर ने बिहार के नॉन-कन्सेक्यूटिव सीएम के रूप में भी सेवाएं दी थी। नॉन-कन्सेक्यूटिव सीएम के तौर पर कर्पूरी ठाकुर का कार्यकाल मार्च 1977 से अप्रैल 1977 तक रहा था।

पीवी नरसिम्हा राव के बेटे ने प्राप्त किया पुरस्कार 
पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के बेटे पीवी प्रभाकर राव ने राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू के हाथों अपने पिता को मिले भारत रत्न सम्मान प्राप्त किया। पीवी नरसिम्हा राव ने एक चुनौतीपूर्ण समय में प्रधान मंत्री का पद संभाला जब भारत गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। देश पेमेंट के मुद्दे, स्थिर अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों से जूझ रहा था। राव ने अपने वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के साथ मिलकर, अभूतपूर्व आर्थिक सुधारों की एक श्रृंखला शुरू की, जिसने भारतीय इकोनॉमी में सुधार हुआ। 

एमएस स्वामीनाथन की बेटी नित्या राव ने प्राप्त किया सम्मान
कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन की बेटी नित्या राव ने अपने पिता की ओर से यह सम्मान राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू के हाथों प्राप्त किया। बता दें कि एमएस स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त, 1925 को कुंभकोणम, तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने उस दौर के 2 कृषि मंत्रियों जगजीवन राम और सी सुब्रमण्यम के साथ मिलकर देश में हरित क्रांति लाने का काम किया। इससे धान और गेहूं के उत्पादन में भारी बढ़ोत्तरी का मार्ग प्रशस्त हुआ। किसानों की स्थिति सुधारने के लिए स्वामीनाथ ने सरकार के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसे स्वामीनाथन रिपोर्ट कहा गया। स्वामीनाथन की इस रिपोर्ट में किसानों की स्थिति को बेहतर करने के लिए कई सुझाव दिए गए थे। 

चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी ने ग्रहण किया मेडल
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते और आरएलडी के नेता जयंत चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू से अपने दादा को मिले भारत रत्न सम्मान प्राप्त किया।  बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन(23 दिसंबर) के अवसर पर हर साल राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के नूरपुर में एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्हें किसानों के मसीहा के रूप में जाना जाता है। 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक वह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री रहे हैं।

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