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Banking Tips: अकाउंट होल्डर खुद ही अपने डॉर्मेंट अकाउंट को बैंक ब्रांच में जाकर एक्टिव करवा सकते हैं। सीनियर सिटीजन्स को इसके लिए अपनी किसी नजदीकी बैंक शाखा में जाना होगा।

Banking Tips: देश में हर नौकरीपेशा या कारोबारी का बैंक में अकाउंट होना आजकल सामान्य है। लेकिन कुछ लोगों के पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट होते हैं। खासकर वे लोग जो प्राइवेट नौकरी करते हैं, क्योंकि नौकरी बदलने पर उनका नया बैंक खाता खोल दिया जाता है। ऐसे धीरे-धीरे लोगों के बैंक खातों की संख्या बढ़ती जा रही है, और इनमें से कुछ अकाउंट्स इस्तेमाल में नहीं रहते हैं। जरूरी है कि अगर आपके पास भी कोई ऐसा खाता है जिसे आप नहीं चला रहे हैं, तो इसे बंद करवा देना चाहिए। ताकि कोई इसका दुरुपयोग न कर पाए।

अकाउंट को इनएक्टिव और डॉर्मेंट कैसे बनाया जाता है?
जब लगातार 12 महीनों तक किसी अकाउंट से लेन-देन नहीं किया जाता है, तो उसे निष्क्रिय अकाउंट (Inactive Account) माना जाता है। इसके बाद अगर 24 महीनों तक अकाउंट में कोई ट्रांजैक्शन नहीं होता है तो वह डॉर्मेंट (Dormant) हो जाता है, जिसका अर्थ होता है कि उस खाते को निष्क्रिय कर दिया गया है।

निष्क्रिय खाता फिर से एक्टिव कैसे करें?
इनएक्टिव बैंक अकाउंट को फिर से एक्टिव करने के लिए आप नया लेन-देन करके उसे फिर से एक्टिव कर सकते हैं। या फिर इंटरनेट बैंकिंग के जरिए कस्टमर केयर से बात करके या बैंक के अधिकारी से मिलकर उसे एक्टिव करवा सकते हैं। इस स्थिति में खाताधारक को केवायसी प्रोसेस से गुजरना होगा।

डॉर्मेंट खाता फिर से एक्टिव कैसे करें?
अकाउंट होल्डर खुद ही अपने डॉर्मेंट अकाउंट को बैंक ब्रांच में जाकर एक्टिव करवा सकते हैं। सीनियर सिटीजन्स को इसके लिए अपनी किसी नजदीकी बैंक शाखा में जाना होगा। डोरस्टेप सर्विस भी उपलब्ध है, जिसमें संबंधित अधिकारी एड्रेस वेरिफिकेशन के लिए आपके घर जा सकते हैं।

बैंकों में अनक्लेम्ड फंड्स की समस्या
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के मुताबिक, अगर कोई ग्राहक अपने बैंक खाते में 10 साल तक कोई लेन-देन नहीं करता है, तो उस खाते में जमा राशि अनक्लेम्ड हो जाती है। इस तरह की राशि लगातार बढ़ती जा रही है, जो कि बैंकों के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर रही है।

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