कौन हैं कीर स्टार्मर: एक नर्स और कारीगर के बेटे, 16 साल में राजनीति में एंट्री, जानें UK के नए पीएम के बारे में सबकुछ

Keir Starmer
X
Keir Starmer
Who is Keir Starmer: भारतीय मूल के ऋषि सुनक अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे। कीर स्टार्मर ने उन्हें चुनाव में करारी शिकस्त दी है। जानें कीर स्टार्मर की अब तक की जिंदगी के बारे में।

Keir Starmer: भारतीय मूल के ऋषि सुनक अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे। लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर ने उन्हें चुनाव में भारी मात दी है। लेबर पार्टी (Labour Party Victory) ने संसद की 650 में से 410 सीटें मिली हैं। यूके पाइम मिनिस्टर इलेक्शन (UK Prime Minister Election) में इस ऐतिहासिक जीत के साथ स्टार्मर अब ब्रिटेन के 58वें प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। स्टार्मर भगवान में विश्वास नहीं रखते और अरबपति भी नहीं हैं।

साधारण पृष्ठभूमि से हैं कीर स्टार्मर
2 सितंबर 1962 को लंदन में एक नर्स और औजार बनाने वाले कारीगर के घर में जन्मे कीर स्टार्मर का बचपन मिडिल क्लास परिवार में बीता। उनके पिता रोडने स्टार्मर लेफ्टिस्ट थे, जिसके कारण उन्होंने अपने बेटे का नाम लेबर पार्टी के संस्थापक कीर हार्डी के नाम पर रखा। स्टार्मर को पढ़ाई और खेलकूद में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए ग्रामर स्कूल का सुपरबॉय कहा जाता था। स्टार्मर के जीवन में एक वक्त ऐसा भी आया जब पढ़ाई के दौरान उन्हें वेश्यालय के छत पर बने एक कमरे में रहना पड़ा था।

बचपन काफी कठिनाइयों में गुजरा
कीर स्टार्मर का बचपन उनकी मां जोसेफिन की बीमारी के कारण बेहद कठिन रहा। उनकी मां को एक दुर्लभ बीमारी हो गई थी जो ऑर्थराइटिस जैसी थी। उनकी हड्डियां इतनी कमजोर हो गई थीं कि वे मुश्किल से चल पाती थीं। जीवन के आखिरी दिनों में उनकी मां को काफी दर्द सहना पड़ा। स्टार्मर ने कई बार बताया है कि उनकी मां की बीमारी ने उनके बचपन को बहुत बुरा बना दिया था।

महज 16 साल की उम्र में राजनीति में एंट्री
महज 16 साल की उम्र में कीर स्टार्मर लेबर पार्टी के यूथ विंग ‘यंग सोशलिस्ट’ से जुड़ गए। उन्होंने लीड्स यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया और अपने परिवार में यूनिवर्सिटी जाने वाले पहले व्यक्ति बने। लीड्स यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए लंदन आए तो उनके पास ज्यादा पैसे नहीं थे। इसके चलते उन्हें वैश्यालय की छत पर बने कमरे में रहना पड़ा।

वकालत के दौरान मिला जीवनसाथी
लीड्स यूनिवर्सिटी से बैचलर्स डिग्री के बाद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से सिविल लॉ में पोस्टग्रेजुएशन किया। वकालत के दौरान उनकी मुलाकात नेशनल हेल्थ सर्विस की लीगल टीम में काम करने वाली विक्टोरिया से हुई।विक्टोरिया और कीर की मुलाकात एक केस के सिलसिले में हुई थी, जहां विक्टोरिया ने स्टार्मर को गुस्से में कहा था, "ये खुद को समझता क्या है।" बाद में स्टार्मर ने माफी मांगी और डेट पर जाने का प्रस्ताव दिया।

मैकडोनाल्ड केस से वकालत में मिली पहचान
कीर स्टार्मर ने 1987 में लंदन में बेरिस्टर के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की। 1997 में उन्होंने मैकडोनाल्ड के खिलाफ दो क्लाइमेट एक्टिविस्ट्स का केस लड़ा। McDonald's Case हेलेन स्टील और डेविड मॉरिस ने मैकडोनाल्ड पर कर्मचारियों का शोषण, वनों की कटाई, और जंक फूड को बढ़ावा देने जैसे आरोप लगाए थे। स्टार्मर ने इनका केस 10 साल तक लड़ा लेकिन अंत में कोर्ट ने एक्टिविस्ट्स को 40 हजार पाउंड का जुर्माना लगाया।

कभी राजनीति छोड़ने का बना चुके थे मन
2021 में हार्टलपूल उपचुनाव में हार के बाद कीर स्टार्मर राजनीति छोड़ने का मन बना चुके थे। लेबर पार्टी की सेफ सीट हारने के बाद उन्होंने अपने दोस्तों से इस बारे में बात की थी। उन्होंने अपने दोस्तों को बताया था कि वे राजनीति छोड़कर किताबों की दुकान में काम करना चाहते थे। यह हार उनके लिए बेहद निराशाजनक थी।

कट्टर वामपंथियों नेताओं को लगा दिया किनारा
2020 में लेबर पार्टी के नेता बनने के बाद स्टार्मर ने कट्टर वामपंथी नेताओं को किनारे कर दिया। जेरेमी कॉर्बिन समेत कई नेताओं को पार्टी से निकाल दिया गया। कॉर्बिन पर हाल ही में यहूदी विरोधी बयान देने के आरोप लगे थे। स्टार्मर ने लेबर पार्टी के कट्टर वामपंथी नेताओं को बाहर करके पार्टी की छवि को सुधारने की कोशिश की।

भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश की
जेरेमी कॉर्बिन के नेतृत्व में लेबर पार्टी का भारत विरोधी स्टैंड था। कीर स्टार्मर ने इसे बदलने की कोशिश की और हिंदू वोटर्स की नाराजगी को कम करने के प्रयास किए। उन्होंने अनुच्छेद 370 खत्म करने को भारतीय संसद का मुद्दा बताया। स्टार्मर ने कहा कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है जिसे भारत और पाकिस्तान को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए।

भारत के साथ बेहतर संबंधों के पक्षधर
कीर स्टार्मर ने कहा कि उनकी लेबर सरकार भारत के साथ बेहतर संबंध बनाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनने पर वह भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट लागू करेंगे। स्टार्मर ने हाल ही में चुनाव से महज 6 दिन पहले लंदन में एक मंदिर का दौरा किया था और मंदिर को करुणा का प्रतीक बताया था। यह स्पष्ट है कि स्टार्मर भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाने के पक्षधर हैं।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story