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दक्षिण कोरिया दुनिया का एक ऐसा देश है जहां पर लोग स्टेमिना बढ़ाने के लिए कुत्ते का मीट खाया जा रहा था। देश के संसद ने मंगलवार को कुत्ते की मीट पर रोक लगाने वाली विधेयक पारित कर दिया।

South Korea Dog Meat Ban: दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां पर लोग कुत्ते का मीट खाना पसंद करते रहे हैं। इस देश काम नाम दक्षिण कोरिया है। हालांकि, देश के संसद ने मंगलवार को कुत्ते की मीट पर रोक लगाने वाला विधेयक संसद में पारित कर दिया। संसद में इस विधेयक के पेश किए जाने के बाद 208 सांसदों ने इसके पक्ष में वाेटिंग की। 

दक्षिण कोरिया में सदियों पुरानी है Dog meat खाने की प्रथा
दक्षिण कोरिया में कुत्ते का मांस खाने और बेचने की प्रथा सदियों पुरानी है। दक्षिण कोरिया (South Korea paliament) ने इसअभूतपूर्व विधेयक पारित करके इतिहास रच दिया। यह निर्णय एक अहम सामाजिक बदलाव का प्रतीक है। दक्षिण कोरिया के संसद में इस विधेयक का पारित होना बताया है कि कुत्तों के प्रति आम लोगों की सोच बदली है। पहले जहां इसे एक खाद्य पदार्थ की तरह देखा जाता था, वहीं लोग अब इसे परिवार के एक साथी के तौर पर देखने लगे हैं। 

अब कम हुई है कुत्ते के मांस की खपत
दक्षिण कोरिया में समय के साथ कुत्ते के मांस की खपत यहां कम हो गई है। यह प्रथा अब पुरानी पीढ़ियों से अधिक जुड़ी हुई है। लंबे समय से देश में कुत्ते के स्लॉटर करने के तरीकों की आलोचना हो रही थी। लोग डॉग स्लॉटर और डॉग मीट को बैन करने की मांग कर रहे थे।  नए कानून का उद्देश्य पशु अधिकारों का सम्मान करना है। इसके साथ ही यह मानव-पशु सह-अस्तित्व को बढ़ावा देता है। 

राष्ट्रपति ने किया समर्थन
दक्षिण कोरिया के  राष्ट्रपति यूं सुक येओल, जानवरों के प्रति अपने प्रेम के लिए जाने जाते हैं, ने सक्रिय रूप से बिल का समर्थन किया। इससे पहले वे कई कुत्तों और बिल्लियों को गोद में लेकर जानवरों के प्रति अपने प्यार को दिखा चुके हैं। विधेयक को सत्तारूढ़ दल की ओर से सदन में पेश किया गया। इसे भारी समर्थन मिले। नए कानून को लागू करने से पहले तीन साल की छूट देने का प्रावधान है।  इसके बाद नियम तोड़ने पर 30 मिलियन दक्षिण कोरियाई करेंसी यानी की करीब 16 लाख रुपए का जुर्माना और तीन साल कैद हो सकती है।

नए कानून को लागू कराने में हैं कई चुनाैतियां
पशु कल्याण समूहों ने बिल का स्वागत किया है और इसे अहम बताया है। वहीं डॉग मीट उद्योग में शामिल लोगों ने इसका विरोध किया। बिल के स्वागत के बावजूद इसे लागू कराने में कई चुनौतियां हैं। देश में लगभग 1,100 कुत्ते फार्मों में करीब 570,000 कुत्ते पाले जाते हैं। ऐसे में इस उद्योग से जुड़े लोगों ने इस विधेयक के पारित होने के बाद अपनी आजीविका पर संकट पैदा होने की बात कही है। 

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