Russia Nuclear Attack on Ukraine: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग का आज सोमवार को 747वां दिन है। इस जंग को लेकर अमेरिका के दो अधिकारियों ने बड़ा दावा किया है। सीएनएन ने खुलासा किया कि 2022 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर परमाणु हमले का प्लान बनाया था। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चलते परमाणु युद्ध रुक गया था। 

अमेरिकी अफसरों ने कहा कि 2022 में पुतिन के रवैये से अमेरिकी प्रशासन काफी परेशान था। पुतिन यूक्रेन पर परमाणु हमले की कड़ी तैयारी कर रहे थे। फिर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत, चीन समेत कई देशों से मदद मांगी। पुतिन पर दबाव डाला गया। तब पीएम मोदी और अन्य लोगों के हस्तक्षेप के कारण पुतिन ने यूक्रेन पर परमाणु मिसाइल से हमला करने की अपनी योजना छोड़ दी। इससे एक बड़ा संकट टल गया। 

यूक्रेन के पूर्वी डोनेट्स्क क्षेत्र के कस्बों पर रूसी गोलाबारी और ड्रोन हमलों में तीन लोग मारे गए। जबकि मायनोह्राड शहर पर रविवार सुबह एक रूसी मिसाइल हमले में कम से कम एक दर्जन लोग घायल हो गए।

क्यों पुतिन ने बनाया था परमाणु हमले का प्लान?
रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि यूक्रेनी सेनाएं दक्षिण में रूस के कब्जे वाले खेरसॉन में तेजी से आगे बढ़ रही थीं। उन्होंने रूस की सेना को चारों तरफ से घेर लिया था। रूसी सरकार परेशान हो उठी थी। तब अमेरिकी प्रशासन के भीतर यह चर्चा शुरू हो गई थी कि खेरसॉन में तत्कालीन स्थिति विनाशकारी परमाणु हमले की वजह बन सकती है। 

इस संकट को टालने के लिए अमेरिका ने रूस को ऐसे कठोर कदम उठाने से हतोत्साहित करने के लिए भारत सहित गैर-सहयोगियों से समर्थन मांगा। अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम पुतिन को न केवल सीधे संदेश देना था, बल्कि दबाव डालना चाहते थे। इसके लिए उन नेताओं की मदद मांगी गई जिनकी बात पुतिन सुनते हैं। अधिकारी ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत ने हमारे अनुरोध पर पुतिन से बात की। इससे पुतिन की सोच पर प्रभाव पड़ा। 

किस देश के पास कितने न्यूक्लियर वेपन

देश न्यूक्लियर वेपन
अमेरिका 5,428
रूस 5,977
चीन 3,50
फ्रांस 2,90
ब्रिटेन 2,25
पाकिस्तान 1,65
भारत 1,60
इजराइल 90
नॉर्थ कोरिया 20

पीएम मोदी ने कहा था- यह युद्ध का युग नहीं
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे जंग पर भारत का रुख स्पष्ट रहा है। पीएम मोदी ने आम लोगों की हत्या की निंदा की और रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है। सितंबर 2022 में उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। उन्होंने शांति की दिशा में रास्ते तलाशने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।