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Pakistan Army Set Probe Against Faiz Hameed: पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश और रक्षा मंत्रालय के निर्देशों के बाद हमीद के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है। जनरल फैज के खिलाफ यह पहली औपचारिक जांच है।

Pakistan Army Set Probe Against Faiz Hameed: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) के पूर्व चीफ फैज हमीद बुरे फंसे हैं। सेना ने बुधवार, 17 अप्रैल को लेफ्टिनेंट-जनरल (रिटायर्ड) फैज हमीद के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक प्रमुख जनरल की अध्यक्षता में एक हाई लेवल जांच समिति का गठन किया कि उन्होंने आईएसआई महानिदेशक के रूप में अपने अधिकार का दुरुपयोग किया।

जनरल फैज के खिलाफ यह पहली औपचारिक जांच है। उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति की तारीख से चार महीने पहले नवंबर 2022 में इस्तीफा दे दिया था। पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश और रक्षा मंत्रालय के निर्देशों के बाद हमीद के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है। हमीद पर छापेमारी के नाम पर सोना, हीरे और पैसे समेत कीमती सामान लूटने का आरोप है। 

विवादों में रहे फैज हमीद
फैज हमीद ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई में बतौर डायरेक्टर जनरल काम किया। उनका नाम फैजाबाद धरना केस समेत कई विवादों में आया। तीन बार के पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उन्हें सत्ता से हटाने के पीछे फैज हमीद और पूर्व सेना प्रमुख जनरल बाजवा थे। हालांकि फैज को फैजाबाद धरना मामले में एक जांच आयोग द्वारा क्लीन चिट दे दी गई। 

तो अब क्यों शुरू हुई जांच?
दरअसल, 8 नवंबर 2023 को टॉप सिटी नाम की हाउसिंग सोसाइटी के एक मालिक मोइज अहमद खान ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की। जिसमें उन्होंने फैज पर अपने अधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। कहा गया है कि 12 मई 2017 को जनरल फैज के इशारे पर आईएसआई अधिकारियों ने शहर के शीर्ष कार्यालय और उनके घर पर छापा मारा था। छापे के दौरान आईएसआई अधिकारियों ने घर से सोना, हीरे और पैसे सहित कीमती सामान जब्त कर लिया।

याचिका में यह भी कहा गया है कि बाद में मामले को सुलझाने के लिए फैज के भाई सरदार नजफ ने भी उनसे संपर्क किया था। याचिका में यह भी दावा किया गया कि जनरल फैज ने बाद में इस मुद्दे को सुलझाने के लिए व्यक्तिगत रूप से उनसे मुलाकात की। जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया कि छापे के दौरान आईएसआई अधिकारियों द्वारा ले ली गई कुछ वस्तुओं को वापस कर दिया जाएगा। हालांकि, 400 तोला सोना और नकदी उन्हें वापस नहीं की जाएगी। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि आईएसआई अधिकारियों ने उससे 4 करोड़ रुपये नकद वसूले।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए और इन गंभीर आरोपों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की। बेंच में पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस काजी फैज ईसा, जस्टिस अत्तार मिनुल्लाह और जस्टिस अमीनुद्दीन शामिल थे। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मामला बेहद गंभीर
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है और आरोपों की गंभीर प्रकृति से पूरे संस्थान की छवि को नुकसान हो सकता है। इसलिए इस मामले को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से मामले को देखने और संबंधित अधिकारियों से चर्चा करने को कहा।

पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया कि मामले में पूरा सहयोग दिया जाएगा और कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। निर्देश के बाद सेना ने मामले की जांच के लिए जांच समिति का गठन किया है।

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