मालदीव में बढ़ा सियासी संकट! दो विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ लाएंगी महाभियोग, सांसदों से लिखित समर्थन जुटाया

Maldives political crisis:
X
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को अपने कैबिनेट के दो मंत्रियों को लेकर विपक्षी पार्टियों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।
Maldives political crisis: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ वहां की दो पार्टियों ने मोर्चा खोल दिया है। मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी MDP और डेमोक्रेट्स मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयार कर रही है।

Maldives political crisis: मालदीव में बीते दो दिनों से चल रहे राजनीतिक तूफान के बीच राष्ट्रपति माेहम्मद मुइज्जू की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। देश की दो विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही हैं। 87 सांसदों वाली मालदीव की संसद में मुइज्जू के 22 कैबिनेट मंत्रियों में से 19 को सोमवार को ही मंजूरी मिली है। मुइज्जू को पद से हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव के लिए 87 में से कम से कम 53 वोटों की जरूरत होगी। मौजूदा समय में केवल 34 सांसद ही प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं।

किन स्थितियों में लाया जा सकता है महाभियोग
मालदीव के नियमों के अनुसार कुछ खास स्थिति में ही राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग लाया जा सकता है। अगर राष्ट्रपति ने संविधान या कानून के खिलाफ काम किया हो, राष्ट्रपति की शक्तियों का दुरुपयोग किया हो या संवैधानिक जिम्मेदारियों को पूरा करने में विफल रहा है तो ही उसके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि जिन स्थितियों में महाभियोग लाया जा रहा है उसके स्पष्ट सबूत भी मौजूद हो।

एमडीपी ने जुटाया महाभियोग के लिए समर्थन

मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के पास संसद में बहुमत है। एमडीपी ने महाभियोग के लिए सांसदों से लिखित समर्थन जुटा लिया है। हालांकि, चुनौती इसे पारित कराने और प्रस्ताव के समर्थन के लिए पर्याप्त वोट हासिल करना है। इससे पहले रविवार को मुइज्जू के कैबिनेट में गृह मंत्री के हुए नॉमिनेशन और रक्षा मंत्री की नियुक्ति काे लेकर विवाद हुए। सरकार के इस फैसले से विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के सांसद भी नाराज हैं। इसी बात पर रविवार को मालदीव के संसद में मारपीट तक की नौबत आ गई। पुलिस बुलानी पड़ी।

मालदीव में सत्तारूढ और विपक्ष में जुबानी जंग
इस बीच मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) ने विपक्ष पर देश के कामकाज को बाधित करने की साजिश का आरोप लगाया है। राष्ट्रपति के सलाहकार अब्दुल रहमान ने कहा है कि अगर विपक्ष सरकार की ओर से नॉमिनेट किए गए मंत्री को विपक्ष ने अप्रूव नहीं किया, तो उन्हें दोबारा नियुक्त किया जाएगा। इसके बाद से मामला और बिगड़ गया है। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि मुइज्जू का रवैया तानाशाही भरा है। मालदीव की संसद में मौजूदा समय में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर विपक्षी पार्टी एमडीपी के हैं। मुइज्ज की पार्टी और उसकी सहयोगी पार्टी इन दोनों को हटाना चाहती है।

भारत के साथ बिगड़ते रिश्ते से नाराज विपक्षी पार्टियां
मुइज्जू के खिलाफ विरोध होने में भारत से बिगड़ते रिश्ते को भी कारण माना जा रहा है। बीते महीने मुइज्जू ने भारत के साथ रिश्ते को लेकर तल्ख बयान दिए थे। मुइज्जू ने कहा था कि मालदीव एक स्वतंत्र राष्ट्र है और भारत को इसके अंदरुनी मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। इसके साथ ही मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत को अपने सैनिकों को द्वीप राष्ट्र से हटाने का भी अल्टीमेटम दे दिया था। मालदीव की दो विपक्षी पार्टियों एमडीपी और डेमोक्रेट्स ने मालदीव सरकार के भारत विरोधी रवैये की आलोचना की थी। भारत को मालदीव का पुराना दोस्त बताया था।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story