मुइज्जू की मुराद पूरी, मालदीव से भारत लौटे सैनिक: रवाना होने से पहले इंडियन टेक्निकल टीम को सौंपी अहम जिम्मेदारी

India Withdraws Military Personnel from Maldives
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India Withdraws Military Personnel from Maldives
India-Maldives Relation: मालदीव में 89 भारतीय सैनिक तैनात थे, जो तीन भारतीय विमान- दो हेलीकॉप्टर और एक फिक्स्ड-विंग विमान का संचालन करते थे। इनकी जगह अब टेक्निकल टीम ले रही है।

India-Maldives Relation: मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों का पहला जत्था भारत वापस आ गया है। मालदीव की स्थानीय मीडिया ने मंगलवार को यह जानकारी दी। बताया कि भारत ने द्वीप देश मालदीव को उपहार में जो हेलिकॉप्टर का संचालन कर रहे थे, वे भारतीय सैनिक अपने देश रवाना हो गए हैं। रवाना होने से पहले सैनिकों ने भारत के टेक्निकल एक्सपर्ट स्टाफ को हेलिकॉप्टर संचालन की अहम जिम्मेदारी सौंप दी है।

अभी 25 सैनिक वापस आए
मालदीव से भारत 25 सैनिक लौटे हैं। इन सैनिकों की तैनाती अड्डू शहर के सबसे दक्षिणी एटोल में थी। बीते महीने दोनों पक्षों की संयुक्त बैठक में 10 मार्च से भारतीय सैनिकों की वापसी पर सहमति जताई गई थी। अन्य जगहों से भारतीय सैनिक 10 मई तक वापस आ जाएंगे। फिलहाल अभी तक रक्षा मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में कोई पुष्टि नहीं की गई है।

इंडिया बायकॉट के नारे से सत्ता में आए मुइज्जू
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू मालदीव इंडिया बायकॉट के नारे के साथ पिछले साल सत्ता में आए थे। उन्होंने समुद्री सीमा पर गश्त करने के लिए तैनात भारतीय सुरक्षा कर्मियों को बाहर निकालने की प्रतिज्ञा के साथ सितंबर में सत्ता संभाली थी। पिछले हफ्ते मुइज्जू ने कहा था कि 10 मई के बाद कोई भारतीय सैनिक मालदीव में नहीं रहेगा। न वर्दी में न सादे कपड़ों में। मैं यह बात विश्वास के साथ कह रहा हूं।

भारत ने रखी थी ये शर्त
मालदीव में 89 भारतीय सैनिक तैनात थे, जो तीन भारतीय विमान- दो हेलीकॉप्टर और एक फिक्स्ड-विंग विमान का संचालन करते थे। इनकी जगह अब टेक्निकल टीम ले रही है। 2 फरवरी को मालदीव और भारत के बीच बैठक हुई थी। जिसमें भारत अपने सैनिकों को इस शर्त पर बुलाने के लिए तैयार हुआ था कि हेलिकॉप्टरों का संचालन करने के लिए सैनिकों की संख्या के बराबर वहां अपने नागरिकों को रखेगा।

क्या है भारत की चिंता
भारत हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी और मालदीव के साथ-साथ पड़ोसी श्रीलंका में उसके प्रभाव को लेकर सशंकित है। दोनों दक्षिण एशियाई द्वीप राष्ट्र रणनीतिक रूप से प्रमुख पूर्व-पश्चिम अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के आधे रास्ते पर स्थित हैं। सितंबर में मुइज्जू के चुनाव जीतने के बाद से माले और नई दिल्ली के बीच संबंधों में खटास आ गई है। नई दिल्ली हिंद महासागर द्वीपसमूह को अपने प्रभाव क्षेत्र में मानता है, लेकिन मालदीव चीन की गोद में जा बैठा है।

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