Uttarakhand Forest Scam Case: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हरक सिंह रावत के घर ED की रेड, देहरादून, दिल्ली-चंडीगढ़ समेत 12 ठिकानों पर तलाशी

Harak Singh Rawat
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ED Raids Harak Singh Rawat Premises: ईडी ने कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत से जुड़े उत्तराखंड और दिल्ली-एनसीआर में 10 से अधिक स्थानों पर एक साथ तलाशी अभियान शुरू किया है। यह कार्रवाई कथित वन घोटाला से जुड़ी है। 

ED Raids Harak Singh Rawat Premises: प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उत्तराखंड कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ छापेमारी की है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, ईडी ने उत्तराखंड और दिल्ली-एनसीआर में 10 से अधिक स्थानों पर एक साथ तलाशी अभियान शुरू किया है। यह कार्रवाई कथित वन घोटाला से जुड़ी है।

देहरादून में डिफेंस कॉलोनी में छापा

प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार सुबह उत्तराखंड, दिल्ली और चंडीगढ़ में कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत से जुड़े कई परिसरों की तलाशी शुरू की है। देहरादून में डिफेंस कॉलोनी स्थित उनके आवास पर दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। ईडी ने पूर्व मंत्री के करीबियों को भी निशाने पर लिया है। सूत्रों का कहना है कि ईडी की जांच राज्य के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कथित अवैध गतिविधियों से जुड़ी हुई है। इससे पहले अगस्त 2023 में विजिलेंस विभाग ने हरक सिंह रावत के खिलाफ एक्शन लिया था।

कौन हैं हरक सिंह रावत?
हरक सिंह रावत का जन्म 15 दिसंबर 1960 को हुआ था। उन्होंने 1984 में कला में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। लैंसडाउन निर्वाचन क्षेत्र से जीत के बाद 2002 में उन्हें चार विभागों- राजस्व, राजस्व, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, आपदा प्रबंधन और पुनर्वास का कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।

हरक सिंह रावत को भाजपा ने अनुशासनहीनता के कारण निष्कासित कर दिया था। उन्हें छह साल के लिए पार्टी से बाहर किया गया। साथ ही राज्य कैबिनेट मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद हरक सिंह रावत 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए। उनकी बहू अनुकृति गुसाईं ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

जानिए कैसा है सियासी सफर?

2017 कोटद्वार उत्तराखंड विधान सभा से निर्वाचित हुए।
2012 रुद्र प्रयाग निर्वाचन क्षेत्र से जीतने के बाद उन्हें कृषि, चिकित्सा शिक्षा और सैनिक कल्याण का कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।
2007 उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया।
2007 विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया।
2007 लैंसडाउन उत्तराखंड विधान सभा से पुनः निर्वाचित हुए।
2002 लैंसडाउन निर्वाचन क्षेत्र से जीतने के बाद उन्हें चार विभागों- राजस्व, राजस्व, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, आपदा प्रबंधन और पुनर्वास का कैबिनेट मंत्री नामित किया गया।
2002 32 लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गये।
1997 उत्तर प्रदेश खादी ग्राम उद्योग बोर्ड में उपाध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) के रूप में नियुक्त किया गया था
1993 पौडी विधानसभा से पुनः विधायक निर्वाचित हुए।
1991 पौडी से विधानसभा चुनाव जीता और यूपी राज्य के सबसे कम उम्र के मंत्री बने।
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