OPS In UP: पुरानी पेंशन को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी के इन कर्मचारियों को मिलेगी ओल्ड पेंशन

Old Pension Scheme in UP
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Old Pension Scheme in UP
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग में पुरानी पेंशन पर बड़ा ऐलान किया। राज्य के सरकारी कर्मचारी लंबे वक्त से OPS लागू करने की मांग कर रहे थे। 

Old Pension Scheme in UP: उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन से जुड़ी गुड न्यूज है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई। इसमें पुरानी पेंशन योजना (ओल्ड पेंशन स्कीम- OPS) पर बड़ा फैसला लिया गया है। लंबे समय से सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन की मांग कर रहे थे, जिसे अब मंजूरी मिल गई है। राज्य के लाखों कर्मचारियों ने योगी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया।

किसे मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ?
यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 28 मार्च 2005 से पहले जिन नौकरियों या भर्तियों का विज्ञापन जारी किया गया था और उनकी भर्ती प्रक्रिया पूरी हो गई है, उन चयनित कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का विकल्प दिया जाएगा। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को स्वीकार करते हुए लिया गया है।

सरकारी कर्मचारियों में खुशी का माहौल
पुरानी पेंशन योजना की बहाली से राज्य कर्मचारी, शिक्षक और अन्य सरकारी अनुदानित संस्थाओं के कर्मचारी बेहद खुश हैं। कैबिनेट बैठक के इस फैसले से करीब 60,000 शिक्षकों और कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। आजमगढ़ जिले में लगभग 2000 शिक्षकों और कर्मचारियों ने इस फैसले का जोरदार स्वागत किया और खुशी में एक-दूसरे को मिठाई खिलाई।

नई और पुरानी पेंशन योजना में अंतर?
2004 के बाद से पूरे देश में नई पेंशन स्कीम (NPS) लागू की गई थी। कर्मचारियों का कहना है कि NPS के तहत मिलने वाली पेंशन बेहद कम है, जिससे गुजारा मुश्किल हो जाता है। हालांकि, पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने से सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ता है, जो सरकार के लिए एक चिंता का विषय है।

राजनीतिक दलों की क्या है प्रतिक्रिया?
पुरानी पेंशन योजना चुनावी मुद्दा भी रहा है। सपा और बसपा जैसे दल चुनावों के दौरान इस मुद्दे पर अपनी आवाज मुखर करते रहे हैं। इस फैसले से कर्मचारियों और शिक्षकों के परिवारजनों में भी खुशी है।

समाजिक सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा
शिक्षकों और कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद किया और कहा कि यह फैसला सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देता है। इससे बुढ़ापे में दवाइयों और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति में मदद मिलेगी और किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी। इसे योगी सरकार का एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, जिसने कई कर्मचारियों और उनके परिवारों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है।

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