Ayodhya Ram Navami: मूर्तिकार अरुण योगीराज ने पत्नी विजेता संग देखा रामलला का सूर्य तिलक, कहा-सालों का संकल्प पूरा हुआ

Ayodhya Ram Navami: अयोध्या के दिव्य राम मंदिर में स्थापित रामलला की मूर्ति बनाने वाले मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज बुधवार 17 अप्रैल को परिवारा के साथ अयोध्या पहुंचे। साथ ही पत्नी विजेता के साथ रामनवमी पर रामलला की दर्शन पूजा की। मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा, भगवान राम के दर्शन को लाखों लोग आते हैं। मुझे भी सपरिवार दर्शन-पूजा का मौका मिला। सूर्य तिलक का अद्भुत दृश्य हमेशा यादगार रहेगा।
#WATCH | Ayodhya: Ram Lalla idol sculptor Arun Yogiraj says, "Lakhs of people are coming to do 'darshan' of Lord Ram... With the blessings of Lord Ram, even I could visit and offer prayers to Ram Lalla with my family. I never want to forget today's Surya Tilak... I want to bow… pic.twitter.com/5z4XynHoLO
— ANI (@ANI) April 17, 2024 कहानियों में सुनते थे, आज साक्षी बन रहे
अरुण योगीराज ने उन वैज्ञानिकों को सलाम किया, जिन्होंने सूर्य तिलक को संभव बनाया। वैज्ञानिकों के साथ मुझे भी समय बिताने का मौका मिला, मैं बहुत भाग्यशाली महसूस करता हूं। हमने केवल कहानियों में सुना था, लेकिन आज होता देख रहे हैं।
#WATCH | Uttar Pradesh: After offering prayers at Ayodhya Ram Temple on the occasion of Ramnavami, the Wife of Ram Lalla idol sculptor, Arun Yogiraj - Vijetha - says, "It seems that the wait of so many days has been successful today. Today's Ramnavami has been wonderful, as we… pic.twitter.com/sTSbIe0qU8
— ANI (@ANI) April 17, 2024 सालों का इंतजार सफल हुआ
रामलला के दर्शन कर अरुण योगीराज की पत्नी विजेता काफी उत्साहित नजर आईं। कहा, आज सालों का इंतजार सफल हो गया। आज की रामनवमी अद्भुत है। हमने रामलला का सूर्य तिलक देखाद। भगवान राम हर दिन अलग स्वरूप में दिखते हैं। आज उनकी क्षवि बहुत ही सुंदर है। मैं ही नहीं पूरा देश यह अवसर देखकर प्रफुल्लित है।
भगवान के आशीर्वाद मिली यह कला
विजेता ने कहा, अरुण योगिराज को रामलला की मूर्ति बनाने का यह मौका मिला, जिसने हमारे जीवन को सफल बना दिया। भगवान और पूर्वजों का आशीर्वाद है कि उसे यह कला मिली है। जिसे वह 100 फीसदी समर्पण और लगन के साथ करते हैं। रामलला की मूर्ति से पूरी दुनिया की भावनाएं जुड़ी हैं। 500 साल का इतिहास और इंतजार था, इससे अन्याय करना मुश्किल था।
