ACB पूर्व DG बीएल सोनी भाजपा में शामिल: जयपुर में खोली गहलोत सरकार की पोल, कहा-कैंसर की तरह फैला था भ्रष्टाचार

Former ACB DG BL Soni joins BJP: एसीबी के पूर्व डीजी भगवान लाल सोनी (बीएल सोनी) ने मंगलवार को भाजपा की सदस्यता ले ली। जयपुर स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय में जॉइनिंग कमेटी के चेयरमैन अरुण चतुर्वेदी और चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नारायण पंचारिया ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई।
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi के जनहित के कार्यों एवं कुशल कार्यशैली से प्रेरित होकर पूर्व डीजी (एसीबी)श्री बी.एल.सोनी ने आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में जॉइनिंग कमेटी के अध्यक्ष श्री @chaturvediarun1 एवं प्रदेश उपाध्यक्ष श्री @npanchariyabjp की उपस्थिति में भाजपा की… pic.twitter.com/OEogvXW3Y1
— BJP Rajasthan (@BJP4Rajasthan) April 9, 2024 भाजपा ज्वाइन करने के बाद सोनी ने कहा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने निजी स्वार्थ के लिए युवाओं के हित से कुठाराघात किया है। उनकी सरकार में पूरे पांच साल संस्थागत भ्रष्टाचार हुआ है। पेपर लीक मामले में एसआईटी बेहतर काम कर रही है। कितने भी रसूखदार लोग हों, वह बच नहीं पाएंगे।
कैबिनेट से पॉवरफुल थे बिचौलिए
पूर्व डीजी बीएल सोनी ने बताया कि राजस्थान के हर विभाग में कैंसर की तरह बिचौलिए सक्रिय थे। कोई व्यक्ति समस्या बताना चाहे तो बिना बिचौलियों के मुलाकात संभव नहीं होती थी। कई जगह तो वह कैबिनेट से पॉवरफुल थे।
संदिग्ध लोगों को सौंपी भर्ती की जिम्मेदारी
पूर्व डीजी बीएल सोनी ने कहा कि कांग्रेस सरकार में जिन लोगों को भर्ती की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, वह खुद संदिग्ध आचरण के लोग थे। इन्हीं लोगों की वजह से आज राजस्थान शर्मसार हो रहा है।
कार्रवाई की नहीं मिली अनुमति
बीएल सोनी ने बताया कि मुझे पौने तीन साल एसीबी में काम करने का मौका मिला। इस दौरान एसीबी ने सर्वाधिक कार्रवाई का रिकॉर्ड बनाया, लेकिन 600 से ज्यादा प्रकरण ऐसे थे, जिसमें कार्रवाई के लिए सरकार से अनुमति नहीं मिली।
जयपुर के पहले पुलिस कमिश्नर बने भगवान लाल सोनी
रिटायर्ड आईपीएस भगवान लाल सोनी जयपुर के पहले पुलिस कमिश्नर बने। 1988 बैच के आईपीएस बीएल सोनी जयपुर सहित कई जिलों में एसपी रहे। 1 जनवरी 2011 को वह जयपुर के पहले पुलिस कमिश्नर बने और सवा दो साल तक यह जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद वह डीजी जेल, डीजी क्राइम ब्रांच और डीजी एसीबी की अहम जिम्मेदारी भी संभाली। 31 दिसंबर 2022 को डीजी एसीबी पद से रिटायर हुए। बेहतर सेवा के लिए उन्हें पुलिस पदक और राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी नवाजा गया।
