भोपाल में चिपको आंदोलन: हरियाली बचाने सड़क पर आईं महिलाएं, पेड़ों से लिपटकर कहा-यह हमारे बच्चों जैसे, ऐसे नहीं उजड़ने देंगे

Bhopal Women Protest for save greenery
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भोपाल की हरियाली बचाने महिलाओं ने किया प्रदर्शन।
Bhopal Chipko movement: भोपाल के शिवाजी स्थित 5 नंबर स्टाप के पास बुधवार को आंदोलन कर महिलाओं ने कहा, यह पेड़ हमारे बच्चों जैसे हैं। सुख-दुख के साक्षी हैं। 50 साल से साथ पले बढ़ें हैं, इन्हें ऐसे नहीं उजड़ने देंगे। इन पेड़ों से परिवार जैसा लगाव है। 

Bhopal Chipko movement: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डेवलपमेंट के नाम पर लगातार पेड़ पौधे काटे जा रहे हैं। अब यहां की पास कॉलोनी शिवाजी नगर और तुलसी नगर इलाके में भी 29 हजार से ज्यादा पेड़ हटाकर मंत्रियों और अफसरों के बंगले बनाए जाने की तैयारी है। राज्य सरकार ने इसके लिए बजट भी आवंटित कर दिया, लेकिन शहर की जागरूक महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को बड़ी संख्या में महिलाएं यहां उत्तराखंड की तर्ज पर चिपको आंदोलन शुरू कर दिया।

पेड़ों से परिवार जैसा लगाव
शिवाजी स्थित 5 नंबर स्टापव के पास आंदोलन कर रहीं यह इन महिलाओं ने कहा, यह पेड़ हमारे बच्चों जैसे हैं। हमारे सुख-दुख के साक्षी हैं। 50 साल से इन्हीं के साथ पले बढ़ें हैं, इन्हें ऐसे नहीं उजड़ने देंगे। इन पेड़ों से परिवार जैसा लगाव है।

हरियाली की जगह कांक्रीट के जाल
आंदोलन कर रहीं महिलाओं ने कहा, हरियाली भोपाल की शान है, लेकिन सरकार यहां की खूबसूरत हरियाली हटाकर कांक्रीट के जाल खड़ा करना चाहती है। सीएम ने बीच का रास्ता निकालने का आश्वासन दिया है, लेकिन प्रदर्शनकारियों को भरोसा नहीं है।

स्मार्ट सिटी के कार्य में उजाड़ी हरियाली
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा, स्मार्ट सिटी के तहत कराए कार्यां में ऐसे ही आश्वासन दिए गए थे, लेकिन निर्माण कार्य के बाद हरियाली नदारद है। इस दौरान कुछ महिलाएं धरना स्थल के नजदीक लगे पेड़ों के पास पहुंची और उन्हें दुलारने लगीं। कुछ महिलाओं ने पेड़ों को गले लगा लिया। कहा, जरूरत पड़ी तो उत्तराखंड की तरह चिपको आंदोलन करेंगे।

विपक्षी नेताओं का मिला साथ
पेड़ों के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं को भोपाल के सामाजिक संगठनों और पर्यावरणविद् के साथ विपक्षी नेताओं का भी समर्थन प्राप्त है। बुधवार को पूर्व मंत्री पीसी शर्मा के साथ नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं। कहा, पेड़ उजाड़ने की बजाय भोपाल के आउटर क्षेत्र में रिक्त पड़ी जमीनों पर आवास निर्माण कराया जाना चाहिए।

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