बागेश्वर धाम में आंसुओं का सैलाब: 'दुनिया में कोई किसी का नहीं' यह कहते हुए फूट-फूटकर क्यों रोने लगे धीरेंद्र शास्त्री?, देखें वीडियो...

Dhirendra Krishna Shastri
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'बन जाते हैं लाखों रिश्ते जब पैसा पास होता है। टूट जाता है वो रिश्ता गरीबी में जो सबसे खास होता है'। यह बात कहते हुए बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री फूट-फूटकर रोने लगे। धीरेंद्र शास्त्री की बातें सुनकर हजारों लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे।

भोपाल। बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कथा के दौरान अपने पुराने दिनों के संघर्ष को याद करते हुए फफक-फफक कर रोने लगे। धीरेंद्र शास्त्री की बातें सुनकर कथा सुन रहे हजारों लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे। स्त्रोता अपनी भावनाओं को नहीं रोक पाए और वो भी रो पड़े। मंच से धीरेंद्र कृष्ण ने कहा कि वो इस विषय को कहना तो नहीं चाहते थे, लेकिन आज अपने आप को रोक नहीं पाए। कहा, मैंने जो गरीबी देखी है, भगवान वो दिन किसी को न दिखाए। छतरपुर के बागेश्वर धाम में चल रही कथा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

हनुमान जी जैसा दाता, न हुआ है न हो सकता है
वीडियो में धीरेंद्र शास्त्री कह रहे हैं कि हम को आज भी एक बात याद है, लेकिन वह चर्चा करने योग्य नहीं है। I-No पर... एक सज्जन के यहां फंक्शन हुआ था। पूरे गांव का निमंत्रण था। हमारे पिता जी का नहीं हुआ था। क्योंकि हम गरीब थे। बागेश्वर धाम ने आगे कहा कि 'बन जाते हैं लाखों रिश्ते जब पैसा पास होता है। टूट जाता है वो रिश्ता गरीबी में जो सबसे खास होता है'। इस दुनिया में कोई किसी का नहीं होता, गरीब का तो सिर्फ कृष्ण होता है। हम तो अपना अनुभव कहते हैं, दुनिया का नहीं, दुनिया ने क्या जाना, क्या समझा हमें खबर नहीं। हमारा अनुभव कहता है हनुमान जी जैसा दाता, न हुआ है न हो सकता है।

'एक रुपए भी कोई इधर-उधर करता है तो हम लड़ जाते हैं'
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हम तो हनुमानजी के नाम का खा रहे हैं। दक्षिणा लेते हैं, पर अपने सुख के लिए नहीं लेते। हम कथा की दक्षिणा लेते हैं। हमारी दान पेटियों में दान आता है, लेकिन हमने कभी मंदिरों का निर्माण नहीं किया। हम उस दान दक्षिणा को सालभर के लिए जुटा-जुटा कर रखते हैं। एक रुपए भी अगर कोई इधर-उधर कर दे तो हम लड़ पड़ते हैं। क्योंकि वह हमारा नहीं बेटियों का है। उसी रुपए से बेटियों-बहनों का विवाह धूमधाम से करते हैं।

8 मार्च को 151 अनाथ कन्याओं का होगा विवाह
बागेश्वर धाम में महाशिवरात्रि पर 8 मार्च को 151 अनाथ कन्याओं का सामूहिक विवाह होना है। इसके लिए गढ़ा गांव में बाबा बागेश्वर के भक्तों ने विशेष तैयारी कर रखी है। शिवरात्रि के पवित्र मौके पर 10 दिव्यांग, 24 अनाथ, 10 मातृहीन और 59 पितृहीन कन्याएं दाम्पत्य जीवन में प्रवेश करेंगी। पं धीरेंद्र शास्त्री ने सेना के जवानों को भी आमंत्रित किया है। इसके लिए 100 एकड़ क्षेत्र में व्यवस्था की जा रही है। कन्या विवाह के लिए बागेश्वर धाम में 1400 फॉर्म आए थे। 300 आवेदनों में जरूरी दस्तावेज नहीं मिले। 1018 फार्म सिलेक्ट हुए। 151 पात्र गरीब बेटियों का विवाह के लिए चयन किया गया है।

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