Traditional Cricket Bhopal: संस्कृत में कमेंट्री और धोती-कुर्ते में खिलाड़ियों ने जड़े चौके-छक्के, देखें रोमांचक VIDEO

Cricket match in Bhopal, Madhya Pradesh
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भोपाल के अंकुर मैदान में क्रिकेट का रोमांचक मुकाबला
Traditional Cricket in Bhopal: क्रिकेट स्टेडियम में चीयर गर्ल्स और अंग्रेजी कमेंट्री तो बहुत देखी-सुनी होगी, लेकिन आज संस्कृति में सुनिए क्रिकेट का आंखों देखा हाल। चीयर गर्ल्स नहीं संस्कृत के श्लोकों से खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते शास्त्रों के ज्ञाता भोपाल का यह अनुभव आपको भी रोमांच से भर देगा।

Traditional Cricket in Bhopal: क्रिकेट स्टेडियम में चीयर गर्ल्स और अंग्रेजी कमेंट्री तो बहुत देखी-सुनी होगी, लेकिन आज संस्कृति भाषा में सुनिए क्रिकेट का आंखों देखा हाल। चीयर गर्ल्स की जगह संस्कृत के श्लोकों से खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते शास्त्रों के ज्ञाता, निश्चत ही भोपाल के अंकुर स्टेडियम का नजारा रोमांच से भर देने वाला है। धोती कुर्ते में चौके छक्के जड़ते यह प्रोफेशनल क्रिकेटर नहीं बल्कि, वेद और शास्त्र की शिक्षा ले रहे स्टूडेंट हैं। शुक्रवार को इन विद्यार्थियों ने सनातन संस्कृति, भारतीय परंपरा और संस्कृत भाषा को दुनियाभर में समृद्ध करने के लिए हाथ में बल्ला थाम लिया।

पहले दिन चार मैच
भोपाल के अंकुर खेल मैदान में संस्कृति बचाओ क्रिकेट टूर्नामेंट के तहत पहले दिन चार मैच हुए। पहला मैच लक्ष्मीनारायण और मां शशि संस्कृत पाठशाला के बीच हुआ। इसमें 36 रन सेलक्ष्मीनारायण विजयी हुईं। अवनीश मैन ऑफ द मैच बने। दूसरा मैच मां वैष्णवी और महाकाल के बीच हुआ। इसमें टीम महाकाल ने 7 विकेट से जीत दर्ज की। तीसरा मैच महर्षि एकादश और विश्वनाथ एकादश के बीच हुआ, जिसमें महर्षि एकादश विजयी हुईं। राजा ने 6 विकेट लिए। वे मैन ऑफ द मैच रहे। लक्ष्मीनारायण एकादश बाहुबली के बीच चौथा मैच हुआ, जिसमें बाहुबली टीम एक विकेट से जीती।

देवताओं की भाषा है संस्कृत
टूर्नामेंट के आयोजक अंकुर पांडेय, अवनीश त्रिवेदी और अभिषेक महाराज ने बताया कि वैदिक विद्या विश्वविद्यालय के सहयोग से हर वर्ष यह प्रतियोगिता कराई जाती है। शुक्रवार को चार मैच हुए। चंद्रशेखर तिवारी ने कहा, भारतीय संस्कृति सभ्यता संस्कार एवं संस्कृत को बढ़ावा देने के उद्देश्य यह मैच कराया जाता है। संस्कृत वेदों की भाषा है, देवताओं की भाषा है और संस्कृत से ही सभी भाषाओं की उत्पत्ति हुई है। इसलिए विश्व स्तर पर संस्कृत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह आयोजन किया जाता है। टूर्नामेंट में खास बात यह रही कि इसकी कमेंट्री भी संस्कृत में हुई। अंकुर पांडेय, राहुल भार्गव व दीपक त्रिपाठी ने आंखों देखा हाल सुनाया।

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