जनजातीय कल्याण के 207 करोड़ कहां गए?: सैलाना MLA का वित्त मंत्री को पत्र, कहा-सरकार का निर्णय असंवैधानिक, वापस मांगी राशि 

Kamleshwar Dodiyar to CM Mohan Yadav
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निर्दलीय विधायक कमलेश्वर डोडियार ने CM को लिखा पत्र
MP Tribal Welfare News: मध्य प्रदेश में जनजातीय कल्याण के आवंटित राशि अन्य मदों में खर्च की जा रही है। जबकि, आदिवासी सड़क-पानी जैसी जरूरी सुविधाओं के लिए मोहताज हैं। सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने पत्र लिखकर राशि वापस मांगी है।

MP Tribal Welfare News: मध्य प्रदेश में जनजातीय कल्याण के लिए आवंटित बजट में से 207 करोड़ रुपए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बांट दिए हैं। सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए वित्त मंत्री (डिप्टी सीएम) जगदीश देवड़ा को पत्र लिखा है। उन्होंने इसे असंवैधानिक कदम बताते हुए उक्त राशि वापस मांगी है।

रतलाम के सैलान से निर्दलीय विधायक कमलेश्वर डोडियार ने सरकार से सवाल किया है कि आदिवासी इलाकों के विकास और उनके रोजगार पर खर्च होने वाली राशि महिला एवं बाल विकास की योजनाओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वेतन देने में क्यों खर्च की जानी चाहिए।

अनुच्छेद 275 का उल्लंघन
सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा को लिखे पत्र में बताया कि प्रदेश सरकार ने जनजाति उपयोजना के बजट से 207 करोड़ की राशि महिला एवं बाल विकास विभाग को आंतरित कर दी है। जो कि भारत के संविधान में अनुच्छेद 275 का उल्लंघन है। यह राशि आदिवासियों के विकास व उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार पर ही खर्च किए जाने चाहिए।

अफसरों का षड्यंत्र बताया
सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने सरकार के इस निर्णय को असंवैधानिक व आदिवासियों के प्रति दुर्भावना रखने वाले उच्च जाति के अफसरों का षड्यंत्र बताया है। कहा, उपयोजना की राशि संविधान प्रावधानित है। इसका एक रुपया भी दूसरे मद में खर्च नहीं किया जा सकता। उन्होंने सरकार से पुन:अनुसूचित जनजाति उपयोजना के 207 करोड़ रुपए अंतरित किए जाने की मांग की है।

आदिवासी हितों पर मुखर रहते हैं डोडियार
कमलेश्वर डोडियार मध्य प्रदेश के इकलौते निर्दलीय विधायक हैं। बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुख रखते हैं। कानून का अच्छा खास नालेज रखते हैं। यही कारण है कि वह क्षेत्र के विकास और आदिवासी हितों पर लगातार मुखर रहते हैं। दो दिन पहले ही उन्होंने क्षेत्र में मोबाइल टॉवर लगवाने व तेंदू पत्ता संग्राहकों के लिए उचित परिश्रमिक, सुरक्षा व बीमा लाभ दिए जाने की मांग की थी। इसके लिए सीएम मोहन यादव व वन मंत्री नागर सिंह चौहान को पत्र लिखा था।

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