'गीता के बिना मति नहीं': ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर प्रकटोत्सव मनाया; स्वामी अवधेशानंद ने दिया संदेश; CM मोहन यादव की सराहना

Ekatma festival Omkareshwar: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले स्थित ओंकारेश्वर में शुक्रवार (2 मई 2025) को 'आचार्य शंकर प्रकटोत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा, शंकराचार्य द्वारा प्रतिपादित अद्वैत वेदांत का दर्शन भारतीय आध्यात्मिक चिंतन की आधारशिला है। उनके जीवन का एक-एक प्रसंग आदर्श और अनुकरणीय है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने की। उन्होंने गुरु, गौ, गंगा, गीता और गायत्री का महत्व बताया। कहा, गांव-गांव में हमें गीता का संदेश पहुंचना होगा। क्योंकि गाय के बिना गति नहीं और गीता के बिना मति नहीं है। हमें गाय और गंगा की भी रक्षा करनी होगी।
गाय के बिना गति नहीं और गीता के बिना मति नहीं ...
— Jansampark MP (@JansamparkMP) May 2, 2025
गांव- गांव में गीता का संदेश पहुंचना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने जगह- जगह गीता भवन बनाने की बात कही है, उनका यह निर्णय सराहनीय है।
-आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी श्री @AvdheshanandG जी महाराज @DrMohanYadav51… pic.twitter.com/8e7cYtg3aD
स्वामी अवधेशानंद गिरी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव की सहराना की। कहा, आपने हर जिले में गीता भवन बनाने का जो ऐतिहासिक फैसला लिया है, वह स्वागत योग्य है।
यज्ञ शाला की परिक्रमा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस दौरान ओंकारेश्वर स्थित एकात्म धाम में आदि शंकराचार्य जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जलन और पुष्पांजलि अर्पित की। साथ ही यज्ञ की परिक्रमा कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली के लिए कामना की।
शंकराचार्य जी द्वारा प्रतिपादित अद्वैत वेदांत का दर्शन भारतीय आध्यात्मिक चिंतन की आधारशिला है : CM @DrMohanYadav51 @TrustsReligious #CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/VCbPW0Dzhf
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‘एकात्म धाम' पुस्तक का विमोचन
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संतों का स्वागत कर ‘एकात्म धाम' पुस्तक का विमोचन किया। गौरांग दास प्रभु ने बताया, मन के विकारों से मुक्त होकर विवेक शक्ति का उत्पन्न होना परम आवश्यक है। इसी से व्यक्ति का निर्माण होता है।
500 शंकरदूतों का दीक्षा संस्कार
प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि भारत के विभिन्न स्थानों पर 27 अद्वैत जागरण युवा शिविर आयोजित किए गए हैं। अब तक 1125 शंकरदूत तैयार किए जा चुके हैं। 500 शंकरदूतों का आज दीक्षा संस्कार हुआ है।