New Hit-and-Run Law: नए कानून का देशभर में विरोध, MP में थमे बसों के पहिए, नए साल में परेशान हुए लोग, बालाघाट में विवाद

New Hit-and-Run Law: नए साल पर दुनियाभर में जश्न का महौल है। लेकिन भारत में हिट एंड रन मामले को लेकर जारी देशव्यापी विरोध प्रदर्शन से आम यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है। नए साल आउटिंग का प्लान भी कई लोगों को रद्द करना पड़ा। नौकरी पेशा लोगों को सुबह सुबह ऑफिस जाने में परेशानी हुई। ज्यादातर बसें स्टैंंड में खड़ी कर दी गई हैं। ट्रक चालकों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं, जिस कारण सड़क मार्ग से परिवहन व्यवस्था ठप हो गई। इससे कारोबार भी प्रभावित हो रहा।
VIDEO | Public transporters hold protest in #Bhopal, Madhya Pradesh against new provisions in hit-and-run case as proposed by Bharatiya Nyaya Sanhita 2023. pic.twitter.com/zGkKv4jRTp
— Press Trust of India (@PTI_News) January 1, 2024 नौकरीपेशा लोगों को सर्वाधिक परेशानी
बसों की हड़ताल से सर्वाधिक परेशानी नौकरीपेशा लोगों को हुई। पूर्व सूचना न होने के कारण तय समय पर जब ऑफिस के लिए निकले तो रूट पर बसें ही नहीं मिलीं। काफी देर इंतजार के बाद विकल्प के तौर पर ऑटो, ओला सहित अन्य वाहनों के बारे में पता किया तो वह भी एक्का दुक्का ही चल रहे थे। जिसके कारण समय पर वह दफ्तर नहीं पहुंच पाए।
नरसिंहपुर में प्रशासन को ज्ञापन
नरसिंहपुर जिले में वाहन चालकों ने प्रशासन को ज्ञापन देकर नया कानून रद्द कर सड़क हादसे के बाद सजा का प्रावधान कम किए जाने की मांग की है। इस दौरान बस चालकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
जबलपुर में डीजल-पेट्रोल का संकट
दो दिन जारी इस विरोध-प्रदर्शन में टैंकर चालक भी शामिल हैं। जिस कारण पेट्रोलियम डिपो से डीजल-पेट्रोल की ढुलाई ठप हो गई है। इसकी सूचना मिलते ही तेल टंकियों में डीजल-पेट्रोल के लिए वाहन चालकों की भीड़ लग गई। जबलपुर के पेट्रोल पंपों में रविवार की शाम वाहन चालकों की लंबी कतार देखने को मिली।
नए कानून में 10 साल तक की जेल
अंग्रेजों के जमाने में बने हिट एंड रन एक्ट में संसोधन कर सजा बढ़ गई है। नए कानून में फरार और घातक दुर्घटना की सूचना न देने पर वाहन चालकों को 10 साल तक जेल हो सकती है। इससे पहले,आईपीसी की धारा 304 (लापरवाही से मौत) के तहत आरोपी को केवल दो साल तक की जेल का प्रावधान था। सजा बढ़ाए जाने से वाहन चालकों में आक्रोश व्याप्त है। यूपी एमपी, पंजाब हरियाणा और राजस्थान सहित लगभग सभी प्रदेशों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
