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MP POLITICS : भोपाल। मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में संभावित नतीजों और नई सरकार को लेकर कई तरह के कयास लगने लगे हैं।

MP POLITICS : भोपाल। मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों (Election) में संभावित नतीजों (Results) और नई सरकार (Government) को लेकर कई तरह के कयास (Possibility) लगने लगे हैं। इस बीच भाजपा (BJP)  'प्लान बी' के तहत ऐसे बागी और निर्दलीय प्रत्याशियों पर फोकस कर रही है जिनके जीतने की संभावना बन रही है। 

काउंटिंग से पहले जितने भी अनुमान लगाए जा रहे हैं। उनमें एक यह भी है कि भाजपा वैकल्पिक प्लान पर होमवर्क कर रही है। पार्टी उन बागियों और निर्दलीय पर नजर बनाए हुए जिनकी जीतने की संभावना है और इनकी जड़ें भी बीजेपी में रही हैं।

यह हैं बागी नेता

हालांकि कोई भी नेता यह साफ-साफ कहने से बच रहे हैं। इस पर कांग्रेस भी भापजा पर तंज कस रही है। बीजेपी नेता सत्येंद्र जैन ने भी इस बारे में कुछ भी कहने से इंकार दिया है। वहीं कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने भाजपा के द्वारा किये जा रहे किसी भी होमवार्क पर तंज कसा है। 

प्रदेश में आंकड़ों को देखें तो इस बार भी कई नेता बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी से जिनको टिकट नहीं मिला वो भी मैदान में डटे हैं। इनको देखकर यह तो नहीं कहा जा सकता कि इन पर बीजेपी की नजर नहीं होगी। कहा जा रहा है कि भिंड जिले से बसपा उम्मीदवार संजीव सिंह पर भी बीजेपी नजर बनाए है। संजीव सिंह भाजपा से टिकट नहीं मिला तो बसपा में चले गए थे। इसी तरह सतना सीट से रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा बसपा से डटे हैं। वह भी बीजेपी से टिकट नहीं मिला तो बसपा में गए। वहीं टीकमगढ़ से भाजपा के पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव निर्दलीय मैदान में हैं तो मुरैना में भाजपा नेता रुस्तम सिंह के बेटे राकेश भी बसपा से मैदान में डटे हैं। इसी तरह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्व. नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह भी मैदान में हैं। सीधी सीट से वरिष्ठ विधायक केदार शुक्ला निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। 

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