अनशन का छठा दिन: मेधा पाटकर की तबीयत बिगड़ी, बांध प्रभावित ग्रामीणों के लिए कर रही हैं अनशन

Medha Patkar
X
Medha Patkar
MP News: नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर लगातार 6 दिन से अनशन पर हैं। अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। जिला प्रशासन ने तत्काल डॉक्टरों की टीम बुलाकर मेधा पाटकर का चेकअप व जांच किया।

MP News: नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर लगातार 6 दिन से अनशन पर हैं। अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। जिला प्रशासन ने तत्काल डॉक्टरों की टीम बुलाकर मेधा पाटकर का चेकअप व जांच किया। डॉक्टर के मुताबिक, शुगर लेवल कम होने के कारण उन्हें उल्टियां होने लगीं थी।

छह सदस्यों की टीम ने किया चेकअप
डॉक्टर दिनेश नरगावे ने बताया कि मेधा पाटकर की तबीयत बिगड़ने की जानकारी मिली थी। छह सदस्यों की टीम चेकअप के लिए अनशन स्थल पहुंची। हमारे साथ एक स्टाफ नर्स, एक टेक्नीशियन, एक डॉक्टर, एक एएनएम सहित एक वाहन चालक टीम में मौजूद थे। उनकी जांच रिपोर्ट सामान्य आई है। भोजन नहीं करने के कारण उन्हें कमजोरी आ गई है।

16 हजार लोगों का पुनर्वास नहीं हुआ
मेधा पाटकर बड़वानी और धार जिले के डूब प्रभावितों के साथ पिछले छह दिनों से चिखल्दा में अनिश्चिकालीन अनसन कर रही हैं। सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने से यहां के गांववाले बड़ी संख्या में प्रभावित हो रहे हैं। अनशन स्थल पर सुबह कई संगठन और राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे। सभी ने मेधा पाटकर को समर्थन दिया। आंदोलन के प्रमुख मुकेश भगोरिया ने बताया कि पिछले साल मनावर विकासखंड के कई गांव नर्मदा नदी के बैक वाटर के कारण डूब गए थे। इसमें ग्राम एकलबारा, अछोदा,बड़दा, मलनगांव, गोपालपुरा, कोठड़ा, रतवा, सेमल्दा, शरीकपुरा, सामजीपुरा, गोगांवा समेत अनेकों गांव के लोग प्रभावित हुए थे। मुकेश भगोरिया ने बताया कि इन गांवों को सरकार ने नर्मदा नदी डूब क्षेत्र से बाहर बताया था। बीते साल बांध के बैक वाटर के कारण सात गांवों में बड़ा नुकसान हुआ है, जिसमें करीब 150 पक्के-कच्चे मकान गिर गए थे। उन्होंने बताया कि 39 साल होने के बावजूद भी अभी तक इस घाटी के अंदर 16 हजार ऐसे लोग हैं जिनका कानूनी रूप से सम्पूर्ण पुनर्वास अभी तक नहीं हुआ है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story