मकर संक्रांति 2025: नर्मदा और शिप्रा में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी; दान-पुण्य कर लिया ईश्वर का आशीर्वाद

Madhya Pradesh Makar Sankranti celebration Narmada and Shipra rivers ghats Flocked by lakhs of devotees
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मकर संक्रांति 2025: नर्मदा और शिप्रा में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी।
Makar Sankranti 2025: मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति पर्व की धूम है। मंगलवार (14 जनवरी) को नर्मदा और शिप्रा नदी में लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। आइए जानते हैं मकर संक्रांति पर किस जिले में उत्साह।

Makar Sankranti 2025: मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति पर्व की धूम है। मंगलवार (14 जनवरी) को भोपाल, इंदौर, विदिशा सहित कई जिलों में स्थानीय अवकाश है। नर्मदा और शिप्रा नदी के घाटों पर भक्ति का सैलाब है। लाखों श्रद्धालुओं ने दोनों पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाई। सुबह 6 बजे से ही भक्तों का घाट पर आना शुरू हो गया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दान-पुण्य किया और भगवान का आशीर्वाद लिया। उज्जैन के बाबा महाकाल को मकर संक्रांति पर तिल से बने पकवानों का भोग अर्पित किया गया। आइए जानते हैं किस जिले में कितने उत्साह से मनाई जा रही मकर संक्रांति...।

उज्जैन, जबलपुर, नर्मदापुरम में ईश्वर का स्मरण
उज्जैन की शिप्रा नदी में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। रामघाट पर आस्था का सैलाब है। जबलपुर में नर्मदा नदी के ग्वारीघाट में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। मकर संक्रांति पर कड़ाके की ठंड के बीच लोगों ने नर्मदा स्नान किया। नर्मदापुरम में नर्मदा घाटों में बड़ी संख्या पहुंचे। स्नान के बाद ईश्वर का स्मरण किया। श्रद्धालुओं को देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। गोताखोरों की टीम स्नान करने वालों पर नजर रख रही है। मंडला के नर्मदा घाटों पर भी भारी भीड़ है।

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Baba Mahakal: मकर संक्रांति पर उज्जैन के बाबा महाकाल को तिल के तेल से स्नान कराया। तिल्ली के पकवानों का भोग लगाया। भगवान को गुड़ और शक्कर से बने तिल के लड्डुओं का भोग लगाकर जलाधारी में भी तिल्ली अर्पित की।

छिंदवाड़ा और टीकमगढ़ में भी श्रद्धालुओं की भीड़
बालाघाट में वैनगंगा नदी पर लोगों ने डुबकी लगाकर सूर्य को जल अर्पित किया। शहर के महामृत्युंजय घाट, शंकर घाट और बजरंग घाट में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। छिंदवाड़ा में मकर संक्रांति पर अनहोनी में गर्म पानी के कुंड में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इसके बाद ज्वाला देवी की पूजा अर्चना की। पिछले कई सालों से यहां मकर संक्रांति पर मेला लगता है। टीकमगढ़ के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शिव धाम कुंडेश्वर में भक्तों की भीड़ है। श्रद्धालुओं ने जमडार नदी में स्नान कर भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाकर पूजा की।

मकर संक्रांति पर दान करना शुभ
विद्वान पंडितों के मुताबिक, मकर संक्रांति के दिन दान देना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन तिल-गुड़ और खिचड़ी का दान करना अच्छा होता है। इससे रिश्तों में मिठास बढ़ती है। साथ ही पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन तर्पण करने से घर में पितृदोष दूर होता है और पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। पितरों के निमित तर्पण करने से, गाय को घास खिलाने से और भिक्षु को भोजन दान करने से मानसिक शांति और काम में गति बढ़ती है।

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