ED Raid in MP Liquor Scam: 71 करोड़ के फर्जी चालान कांड में ED का बड़ा एक्शन, इंदौर-भोपाल समेत कई ठिकानों पर छापेमारी

ED Raid in MP Liquor Scam: मध्यप्रदेश में आबकारी विभाग से जुड़े 71 करोड़ रुपये के फर्जी बैंक चालान घोटाले की जांच में आज बड़ी हलचल मच गई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सुबह-सुबह इंदौर, भोपाल और जबलपुर में एक साथ बड़ी कार्रवाई करते हुए आबकारी अधिकारियों और शराब कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की। बताया जा कहा इस घोटाले की रकम 72 से बढ़कर 100 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है, जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।
अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ घोटाला
यह घोटाला शराब कारोबारियों और आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी चालान बनवाकर अंजाम दिया गया। जांच में सामने आया कि कई शराब कारोबारियों ने असली में सिर्फ 10 हजार रुपए बैंक में जमा किए, लेकिन चालानों में रकम को 10 लाख रुपए दिखा दिया गया। इस चालबाजी से कारोबारियों ने वेयरहाउस से भारी मात्रा में देसी और विदेशी शराब उठा ली, और सरकार को टैक्स व परिवहन शुल्क में लगभग 97.97 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान झेलना पड़ा। कुल मिलाकर 194 फर्जी चालानों के जरिए यह खेल खेला गया।
हाईकोर्ट में याचिका दायर
ईडी को यह जानकारी शिकायतकर्ता राजेंद्र गुप्ता द्वारा दिए गए साक्ष्यों और बयानों के आधार पर मिली। 6 मई को ED ने इस मामले में औपचारिक प्राथमिकी दर्ज कर ली थी। आबकारी आयुक्त से मांगी गई जानकारी अधूरी पाई गई, जिसके बाद दोबारा पूरी जानकारी तलब की गई। जांच में यह भी सामने आया कि सबसे बड़ी गड़बड़ी इंदौर जिले में 2015 से 2018 के बीच हुई, जहां अकेले 42 करोड़ रुपये का नुकसान राज्य सरकार को हुआ।
इस मामले की गूंज हाईकोर्ट तक पहुंची, जहां कोर्ट ने माना कि आबकारी अधिकारियों और ठेकेदारों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी स्नेहलता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक विभागीय जांच समिति गठित की थी, जिसने दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश भी की थी।
अब ED की ताजा कार्रवाई ने इस घोटाले से जुड़े बड़े चेहरों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। इंदौर, भोपाल और जबलपुर में कई ठिकानों पर छापे जारी हैं और कई अहम दस्तावेजों व डिजिटल सबूतों को जब्त किया गया है।
इनके ठिकानों पर पड़े छापे
शराब ठेकेदार एमजी रोड समूह के अविनाश और विजय श्रीवास्तव, जीपीओ चौराहा समूह के राकेश जायसवाल, तोपखाना समूह के योगेंद्र जायसवाल, बायपास चौराहा देवगुराड़िया समूह राहुल चौकसे, गवली पलासिया समूह सूर्यप्रकाश अरोरा, गोपाल शिवहरे, लवकुश और प्रदीप जायसवाल के ठिकानों पर छापे पड़े हैं।
