Indore Lok Sabha election 2024: कांग्रेस के वैकल्पिक प्रत्याशी मोती सिंह पटेल लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, कोर्ट ने इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है। एक दो दिन में कोर्ट अपना निर्णय सुना सकती है। इंदौर हाईकोर्ट में जस्टिस SA धर्माधिकारी की बेंच ने शुक्रवार दोपहर सुनवाई की। 

कांग्रेस ने इंदौर लोकसभा सीट से अक्षय कांति बम को आधिकारिक प्रत्याशी बनाया है, लेकिन ऐन वक्त पर नामांकन पत्र वापस लेकर उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली। अक्षय कांति के नाम वापसी के बाद कांग्रेस उम्मीदवारी का हक मांग रही है। हालांकि, वैकल्पिक प्रत्याशी मोती सिंह पटेल का नामांकन निरस्त कर  दिया है। तर्क दिया गया कि पटेल ने स्क्रूटनी के दिन न तो फॉर्म-B पेश किया और न ही निर्दलीय के लिए जरूरी 10 प्रस्तावकों को शामिल किया।

कोर्ट ने पूछा-10 प्रस्तावकों के साइन कहां हैं 
इंदौर खंडपीठ में शुक्रवार सुबह 11.45 बजे सुनवाई शुरू हुई और करीब सवा घंटे तक चली। मोती सिंह पटेल के वकील विभोर खंडेलवाल ने अपना पक्ष रखा। वहीं चुनाव आयोग की वकील ने सवाल जवाब किए। मोती पटेल के वकील से हाईकोर्ट ने पूछा कि आपके 10 प्रस्तावकों के साइन नहीं हैं, इसी कारण फॉर्म रिजेक्ट हुआ है।

कोर्ट के सवाल पर मोती पटेल के वकील ने कहा कि नेशनल पॉलिटिकल पार्टी के लिए एक प्रस्तावक के साइन ही मान्य हैं जो कि किए गए हैं। चुनाव आयोग ने सुनवाई का मौका नहीं दिया। 10 प्रस्तावकों के साइन की बाध्यता निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए जरूरी हैं। चुनाव आयोग की वकील ने कहा, नामांकन निरस्त होने के बाद आवेदन पर आपत्ति भी नहीं ली गई।