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अनियमित दिनचर्या, बाहर के खान-पान और बढ़ते प्रदूषण के कारण मध्यप्रदेश में लगातार दिल के रोगी बढ़ रहे हैं। पिछले 11 माह में (जनवरी से नवंबर) के बीच 44 हजार 258 लोगों ने हार्ट अटैक संबंधित मामलों में एंबुलेंस का उपयोग किया है।

भोपाल। हिंदुस्तान के  दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के लोगों का दिल बीमार होता जा रहा है। सांसें धोखा दे रही हैं। प्रदेश में प्रतिदिन 132 लोगों को हार्ट अटैक आ रहे हैं। इस गंभीर समस्या का मुख्य कारण एक्सपर्ट अनियमित दिनचर्या, बाहर के खान-पान और बढ़ते प्रदूषण को बता रहे हैं। पिछले 11 माह में (जनवरी से नवंबर) के बीच 44 हजार 258 लोगों ने हार्ट अटैक संबंधित मामलों में एंबुलेंस का उपयोग किया है।

चिंता में डालते ये आंकड़े एम्बुलेंस 108 के जरिए अस्पताल पहुंचाए गए मरीजों के हैं। इनसे कहीं ज्यादा दिल के रोगी सीधे भी अस्पताल पहुंच रहे हैं। उन्हें भी जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा। इस आंकड़े को कम करना आज के समय में बेहद जरूरी हो गया है। 

How many cases in which district
मध्यप्रदेश के किस जिले में कितने केस।

सर्दियों में खतरा ज्यादा: जनवरी-नवंबर में मिले 9051 मरीज 
ठंड के मौसम में हार्ट अटैक की समस्या बढ़ जाती है। आंकड़ों के अनुसार, 11 महीनों में सबसे ज्यादा दिल के रोगी जनवरी और नवंबर 2023 में मिले। जनवरी में 4545 और नवंबर में 4506 लोगों को हार्ट अटैक संबंधित मामलों में एम्बुलेंस 108 से अस्पताल पहुंचाया गया। चेस्ट पेन के सबसे कम रोगी अप्रैल, मई और जून में मिले। मार्च में 3866, अप्रैल में 3433 और मई में 3518 लोगों को यह समस्या हुई। 

सागर जिले में सबसे ज्यादा केस 
एम्बुलेंस 108 की रिपोर्ट कहती है कि सागर के लोगों को सबसे ज्यादा हार्ट-अटैक की समस्या हुई। सागर में 4112 लोगों को सीने में दर्द होने पर तुरंत एम्बुलेंस ने अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद रीवा में 2515 और जबलपुर में 2128 लोगों को चेस्ट पेन होने पर भर्ती करवाया गया। 

लक्षण:  ऐसी कोई भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

  • सीने में दर्द होना। थोड़ा टहलने पर भी पैरों में दर्द होने की शिकायत।
  • लगातार खर्राटे आना और सोते समय पर्याप्त ऑक्सीजन न खींच पाना।
  • शरीर के ऊपरी भाग यानी गर्दन, पीठ, संतुलित व पौष्टिक डाइट जरूरी है। 
  • चक्कर आना, अचानक पसीना आना, बेचैनी महसूस करना, सिर घूमना, जी मचलाना, उलटी, पेट खराब होना।

जानिए क्या कह रहे एक्सपर्ट...

प्रदूषण के कारण भी बढ़ रहे दिल के रोगी 
एम्स भोपाल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ भूषण शाह कहते हैं कि कोविड के बाद से दिल के रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के कारण भी लोगों को हार्ट की समस्या हो रही है। सर्दियों में हार्ट अटैक के केस और बढ़ जाते हैं। क्योंकि ठंड में अंगों की तरह दिल की नसें सिकुड़ती हैं। खून गाढ़ा होता है। ऐसे में जिन मरीजों को दिल की ऑर्टरी (नसों) में ब्लॉकेज रहता है, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। बचाव के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार जरूरी है। डाइट में फल, सलाद, हरी सब्जियां, साबुत अनाज शामिल करें। दिन में कम से कम 30 मिनट योगा करें। या कोई भी व्यायाम करें। नशे से दूरी बनाएं। इससे आपको राहत मिलेगी। डायबिटीज के साथ हाई बीपी, क्रॉनिक किडनी रोगी विशेष ध्यान रखें।

खुद के लिए समय निकालें, रोज एक्सरसाइज करें 
किम्स हॉस्पिटल के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अभिषेक कोशले ने बताया, खराब जीवनशैली, अनियमित दिनचर्या और बाहर के अधिक खानपान से दिल की बीमारी बढ़ रही है। पहले बुढ़ापे में हार्ट-अटैक के केस ज्यादा आते थे, लेकिन अब यंग जनरेशन भी इसकी चपेट में आ रही है। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि युवा तनाव ज्यादा लेते हैं। नशे के आदि हैं। खुद के लिए समय नहीं निकालते। एक्सरसाइज नहीं करते। इसके कारण हार्ट-अटैक के केस बढ़ रहे हैं। हालांकि, कोई भी बीमारी अचानक नहीं होती है। ऐसे में जरूरी है कि शुरुआती चेतावनियों की परख करें और टेस्ट कराएं। दिनचर्या को नियमित करें। बाहर के खानपान से बचें तो हार्ट-अटैक से बच सकते हैं। 

दिल की बीमारी से 27% लोगों की हो रही मौत 
देश की बात करें तो हर दिन हार्ट अटैक से मौत की खबरें सामने आती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में 63% लोगों की मौत लाइफ स्टाइल में खराबी की वजह से हो रही है।  इनमें से 55% लोग अकाल मृत्यु का शिकार हो रहे हैं। सबसे ज्यादा दिल की बीमारी से 27% लोगों की मौत हो रही है। 

108 ambulance
जीवन रक्षक उपकरणों से लैस हैं 108 एम्बुलेंस। आपातकालीन सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

हमारे कर्मचारी पूरी प्रतिबद्धता के साथ सेवा दे रहे
108 एम्बुलेंस के कर्मचारी पूरी प्रतिबद्धता के साथ सेवा दे रहे हैं। सभी एम्बुलेंस जीवन रक्षक उपकरणों से लैस हैं। साथ ही आपातकालीन सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। जिनका उपयोग प्रशिक्षित इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियन विशेषज्ञ चिकित्सक के मार्गदर्शन में मरीज के इलाज और जीवनरक्षा के लिए किया जाता है। एम्बुलेंस के रखरखाव और स्वच्छता को प्राथमिकता दी जाती है।
तरुण सिंह परिहार, सीनियर मैनेजर, 108 एम्बुलेंस सेवा, मध्य प्रदेश

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