MP Politics: दिग्विजय सिंह नहीं लड़ना चाहते लोकसभा चुनाव, बोले-मैं राज्यसभा सदस्य हूं, अभी दो साल मेरे पास

Digvijay Singh
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दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में संगठन की समीक्षा करने गए थे
MP Politics: पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। दिग्विजय ने कहा कि मेरे चुनाव लड़ने का प्रश्न इसलिए नहीं आता क्योंकि मैं राज्यसभा का सदस्य हूं। अभी सवा दो साल मेरे पास हैं।

भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी के नेता अलग-अलग क्षेत्र का दौरा कर पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह राजगढ़ के खिलचीपुर पहुंचे। यहां मीडिया से बातचीत में दिग्विजय ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। दिग्विजय ने कहा कि मेरे चुनाव लड़ने का प्रश्न इसलिए नहीं आता क्योंकि मैं राज्यसभा का सदस्य हूं। अभी सवा दो साल मेरे पास हैं। राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा? यह पूछने वाले दिग्विजय ने कहा कि ये पार्टी तय करेगी।

दिग्विजय राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में संगठन की समीक्षा कर रहे हैं
जानकारी के मुताबिक, दिग्विजय खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे थे। वे राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में संगठन की समीक्षा कर रहे हैं। तीन दिन पहले भी दिग्विजय सिंह ने ब्यावरा और नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में संगठनात्मक बैठकों में हिस्सा लिया था। राजगढ़ जिले के तीन दिवसीय दौरे पर उन्होंने पहले दिन खिलचीपुर विधानसभा के ब्लॉक, मंडलम, सेक्टर और बूथ लेवल कार्यकर्ताओं की तीन सत्रों में बैठकें ली।

हाल में दिग्विजय ने ईवीएम हैकिंग का दिखाया था डेमो
बता दें कि दिग्विजय सिंह अपने बयानों से इन दिनों चर्चा में हैं। हाल में दिग्विजय ने ईवीएम हैकिंग का डेमाे दिखाया था। प्रेस कांफ्रेंस में दिग्विजय सिंह ने मीडिया के सामने ईवीएम एक्सपर्ट अतुल पटेल से पूरी मतदान प्रक्रिया का डेमो किया। इस दौरान एक ईवीएम में 10 वोट डाले गए। चुनाव चिह्न के तौर पर सेब, केला और तरबूज था। इस दौरान अधिकांश पत्रकारों ने केला चिह्न पर वोट दिया, लेकिन नतीजे चौंकाने वाले थे। अंतिम नतीजे में सेब को ज्यादा मत प्राप्त हुए।

कहा था चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है
दिग्विजय सिंह ने कहा था कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है, दबाव में है। चुनाव आयोग से हम निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं। लेकिन ईवीएम का सारा काम प्राइवेट लोगों के हाथ में है। जब सॉफ्टवेयर ही सब करता है तो वहीं सॉफ्टवेयर तय करेगा कि सरकार किसकी बनेगी। ईवीएम का साॅफ्टवेयर की तय करता है कि सरकार किसकी बनेगी।

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