व्यापारियों ने खोला मोर्चा: भोपाल में कमर्शियल और प्रोफेशनल टैक्स समाप्त करने की मांग

Bhopal Chamber of Commerce and Industries
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भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स की बैठक में प्रोफेशनल और कामर्शियल टैक्स का विरोध।
मध्य प्रदेश में कमर्शियल और प्रोफेशनल टैक्स का विरोध हो रहा है। गुरुवार, 8 नवंबर को भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने इसे समाप्त करने की मांग उठाई।

MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में व्यापारियों और प्रोफेशनल्स से वसूले जा रहे कामर्शियल टैक्स का विरोध शुरू हो गया है। गुरुवार को व्यापारियों ने भोपाल में बैठक कर यह टैक्स समाप्त करने की मांग की है।

भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (बीसीसीआई) के अध्यक्ष तेजकुल पाल सिंह पाली ने बताया, मध्य प्रदेश के किसी शहर में यह टैक्स नहीं लगता, लेकिन भोपाल में वसूला जा रहा है। इसे बंद किया जाना चाहिए। भोपाल की महापौर मालती राय ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया है।

10 गुना तक बढ़ाया टैक्स
बीसीसीआई के अध्यक्ष तेजकुल पाल सिंह पाली ने बताया कि नगर निगम सीमा में व्यापार के बदले पहले 254 कैटेगरी के टैक्स वसूले जाते थे। जगह के हिसाब से यह टैक्स अलग अलग थे, लेकिन इनका सरलीकरण कर 4, 5 और 6 रुपए प्रति स्क्वायर प्रतिवर्ष के हिसाब से टैक्स वसूला जाने लगा। 6 रुपए स्क्वायर फीट के हिसाब से 1 हजार स्क्वायर फीट की दुकान का टैक्स 6 हजार रुपए होता है। जबकि, पहले यह टैक्स 450 रुपए ही देना पड़ता था। गलियों में इसकी दरें और कम थीं।

किरायदार से वसूला जाए टैक्स
बीसीसीआई के अध्यक्ष तेजकुल पाल सिंह ने बताया कि दूसरा टैक्स किराए की बिल्डिंग से भी वसूला जाता है। इसे प्रॉपर्टी टैक्स के साथ जोड़ दिया गया है। भवन मालिक इससे परेशान हैं। जबकि यह टैक्स किराएदार से वसूला जाना चाहिए।

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शिवराज सरकार ने हटाया था टैक्स
बीसीसीआई के अध्यक्ष पाली ने बताया कि शिवराज सरकार में नगरीय विकास मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह के समक्ष भी यह मांग उठाई थी। जिसके बाद उन्होंने यह टैक्स समाप्त कर दिया गया था, लेकिन नगर निगम प्रशासन ने एक बार फिर यह टैक्स वसूलने लगा है। जिससे शहर के व्यापारी परेशान हैं।

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