Bhopal AIIMS: हादसे में धंस गई थी युवक की आंख, भोपाल एम्स के डॉक्टरों ने सर्जरी कर लौटाई रोशनी 

Bhopal AIIMS Critical eye surgery
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Bhopal AIIMS Critical eye surgery
भोपाल के जैतवारा निवासी युवक की 20 अगस्त को बाइक दुर्घटना दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी। बाईं आंख एथमॉइड साइनस में फंस गई थी। भोपाल एम्स में सर्जरी से रोशनी वापस आ गई।  

Bhopal AIIMS: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक्सीडेंट के बाद एक युवक की आंख धंस गई थी। जिसे उसकी रोशनी चली गई। भोपाल एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संज्ञान) के चिकित्सकों ने सर्जरी कर उसकी आंखों में रोशनी वापस ला दी। परिजनों ने आभार जताया है।

दरअसल, भोपाल के जैतवारा निवासी युवक 20 अगस्त को बाइक दुर्घटना का शिकार हो गया था। हादसे में उसके दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी। युवक की बाईं आंख एथमॉइड साइनस (आंखों के बीच की छोटी हड्डी के अंदर का खोखला हिस्सा) में पहुंच गई थी। जो कि क्रिटिकल स्थिति मानी जाती है।

10 दिन निजी अस्पताल में उपचार
मरीज 10 दिन तक निजी अस्पताल में भर्ती रहा, स्थिति में सुधार नहीं हुआ। जिसके बाद 26 अगस्त 2024 को उसे एम्स रेफर किया गया। मरीज को गंभीर सिरदर्द, दिखाई न देना और नाक से रिसाव की समस्या हो रही थी।

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गंभीरता से अनजान थे परिजन
मरीज के परिवार को बीमारी की गंभीरता का अंदाजा ही नहीं था। वह समझ रहे थे कि आंख दुर्घटना में बाहर निकल गई है। एम्स में डॉक्टरों ने एनसीसीटी स्कैन में पाया कि मरीज के मस्तिष्क में हवा (प्नूमोसिफेलस) भर गई है और उसकी बाईं आंख एथमॉइड साइनस में फंसी है।

इन डॉक्टरों की निगरानी में ऑपरेशन
मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉ अमित अग्रवाल (न्यूरोसर्जरी), डॉ भावना शर्मा (नेत्र रोग), डॉ बीएल सोनी (मैक्सिलोफेशियल सर्जन) और डॉ वैशाली वेंडेसकर (एनेस्थीसिया) की टीम ने माइक्रोस्कोपी की मदद से सर्जरी कर आंख को सही स्थान पर फिट किया। मरीज की वर्तमान में स्थिति स्थिर है और वह डॉक्टरों की निगरानी में है।

अत्यंत जटिल मामला था
डॉ. भावना शर्मा, नेत्र रोग विशेषज्ञ, ने कहा, यह एक अत्यंत जटिल मामला था। इसके लिए कई विभागों के विशेषज्ञों का सहयोग जरूरी था। मरीज की स्थिति गंभीर थी, लेकिन बहु-आयामी दृष्टिकोण के कारण हम इस सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दे सके।

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चुनौतियों का सामना करने में विश्वास

  • एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक, प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने सराहना करते हुए कहा, एम्स भोपाल में हम हमेशा सीमाओं से परे जाकर नई चुनौतियों का सामना करने में विश्वास करते हैं। मामला हमारे डॉक्टरों की प्रतिबद्धता और सहयोग की शक्ति का प्रमाण है।
  • मैं अपनी टीम को हमेशा असाधारण सोचने और कुछ नया करने के लिए प्रेरित करता हूं, और यह सफलता इसी का उदाहरण है कि हम जब एकजुट होते हैं तो क्या हासिल कर सकते हैं।
  • यह दुर्लभ सर्जरी नेत्र और न्यूरोसर्जिकल चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है, जो एम्स भोपाल के जटिल मेडिकल मामलों को विशेषज्ञता और संवेदनशीलता के साथ संभालने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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