राम रहीम की बढ़ी मुश्किलें: हत्या के मामले में जारी हुआ सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, 4 सप्ताह में मांगा जवाब

Supreme Cour Notice
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राम रहीम को मिला सुप्रीम कोर्ट का नोटिस।
Supreme Court Notice: हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को सुप्रीम कोर्ट ने रणजीत सिंह के हत्या के मामले में बरी होने पर नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।

Supreme Court Notice: सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को साल 2002 में पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामले बारी होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश की जांच करने की सहमति दे दी, जिसमें राम रहीम और 4 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया था।

कोर्ट ने दिया 4 सप्ताह का समय

बता दें कि इस हत्या के मामले में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इसके बाद अब जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मामले में राम रहीम और अन्य आरोपियों को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है। दरअसल, यह याचिका जगसीर सिंह ने एडवोकेट सत्य मित्रा के माध्यम से दायर की थी और इस याचिका में 28 मई, 2024 को जारी आदेश को चुनौती दी गई है और इस केस कि फिर से जांच करने के मांग की गई है।

राम रहीम पर लगे हैं कई आरोप

रणजीत सिंह के हत्या के मामले में राम रहीम को अपने सह-आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया था। सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, डेरा प्रमुख का मानना था कि गुमनाम पत्र के प्रसार के पीछे रणजीत सिंह का हाथ था। इसके बाद उसने उसकी हत्या की साजिश रची और उसे अपने साथियों के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया। वहीं, साल 2017 में राम रहीम को 2 महिला शिष्य से बलात्कार के लिए 20 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके साथ ही डेरा प्रमुख और 3 अन्य आरोपियों को 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए 2019 में भी दोषी करार दिया गया था।

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3 सितंबर को राम रहीम की फरलो समाप्त

हाल ही में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम की 21 दिन की फरलो 3 सितंबर को खत्म हो गई थी। इसके खत्म होते ही राम रहीम को फिर से रोहतक की सुनारिया जेल ले जाया गया था। दरअसल, 13 अगस्त को उन्हें जेल से रिहा किया गया था और उत्तर प्रदेश के बागपत के बरनावा आश्रम में रहने की अनुमति मिली थी।

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