कहीं टूटे रिकॉर्ड तो कहीं बूंद-बूंद को तरसे: प्री मानसून से रतिया, जाखल ने तोड़े बारिश के रिकार्ड, फतेहाबाद रहा सूखा

Rainwater entered houses in Fatehabad. City roads submerged.
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फतेहाबाद में घरों में घुसा बरसात का पानी। जलमग्न हुई शहर की सड़कें।
फतेहाबाद में प्री मानसून ने दस्तक दी तो जाखल, रतिया, भूना व टोहाना के गांवों में जमकर रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई। जबकि फतेहाबाद के लोग पानी की बूंद के लिए तरसते हुए नजर आए।

Fatehabad: जिला में वीरवार सुबह ही प्री मानसून ने दस्तक दी तो जाखल, रतिया, भूना व टोहाना के गांवों में जमकर बारिश हुई। जाखल और रतिया में शहर की निचली कालोनियां जलमग्न हो गई। लगातार 4 घंटे हुई बरसात से लोगों को गर्मी से राहत मिली। जाखल में 34 एमएम और रतिया में 48 एमएम बरसात दर्ज की गई। जबकि फतेहाबाद में लोग बारिश का इंतजार करते रहे। सुबह आसमान में बादल छाए रहे लेकिन धूप निकलने से लोगों को निराशा का सामना करना पड़ा। फतेहाबाद में दिनभर तेज धूप से लोगों के पसीने छूटते नजर आए।

बरसात से लोगों को मिली गर्मी से राहत

जाखल में वीरवार को मौसम ने अचानक करवट ली। इससे क्षेत्र में जमकर बदरा बरसे। पिछले कई दिनों से पड़ रही प्रचंड गर्मी से बेहाल लोग बेसब्री से बरसात का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में क्षेत्र में हुई बारिश ने आमजन को भीषण गर्मी से खासी राहत पहुंचाई। गर्मी से जूझ रहे लोगों के लिए बारिश अमृत बनकर आई। इसके साथ ही जाखल में यह बारिश राहत के साथ आफत भी लेकर आई। यहां बारिश ने विकास के दावों की पोल खोल दी। प्री मानसून की पहली बारिश से ही शहर की सड़कें जलमग्न हो गई। यहां तक कि शहर के निचले इलाकों में रह रहे लोगों के घरों में बरसाती पानी घुसने से 2-2 फुट तक पानी जमा हो गया। बरसात के कारण शहर के स्टेट बैंक रोड, मास्टर कालोनी, रुलदू कालोनी, पार्क रोड सहित कई इलाकों व गलियों में सीवर जाम होने से बरसात का पानी जमा हो गया।

धान की फसल के लिए संजीवनी साबित हुई बरसात

यह बारिश धान उत्पादक किसानों के लिए संजीवनी साबित हुई। बरसात होने से अन्नदाताओं के चेहरे खुशी से खिल उठे। इससे किसानों की खुशी स्वभाविक भी है, क्योंकि धान की फसल को पानी की अधिक आवश्यकता होती है। किसानों का कहना है कि धान की फसल के लिए इन दिनों में बारिश होने की भी अत्यंत जरूरत होती है। इस बारिश से धान की फसल को फायदा पहुंचा है। अभी तक वर्षा के अभाव में किसानों को इन दिनों अपनी धान की फसल के लिए पानी की समस्या हो रही थी। ऐसे में इस बारिश से किसानों को काफी लाभ हुआ है। इस बरसात से किसानों की खेतों में अन्य फसलों को भी फायदा पहुंचेगा। किसानों का कहना है कि इन दिनों उन्हें खेतों में अपेक्षाकृत कम बिजली मिल पा रही थी। ऐसे में इस बारिश से धान उत्पादक किसानों को सिंचाई से फिलहाल मुक्ति मिली है।

क्या कहते हैं कृषि अधिकारी

टोहाना कृषि विभाग के खंड अधिकारी मुकेश महला का कहना है कि इस बरसात से धान की फसल को फायदा हुआ है। इन दिनों जितनी बरसात हो, किसानों के लिए उतनी ज्यादा लाभदायक हैं। यदि किसी जगह धान फसल में पत्ता लपेट जैसी बीमारी का कोई प्रकोप भी हैं तो इस बारिश से वह भी दूर हो जाएगा। इस बरसात की धान की फसल को अधिक आवश्यकता थी।

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