पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट: कैथल जिला परिषद सदस्य विक्रमजीत को बहाल करने पर लगाई रोक, एसीबी ने दर्ज किया था रिश्वत का मामला

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प्रतीकात्मक तस्वीर। 
हाई कोर्ट ने रिश्वत के मामले में निलंबित जिला परिषद कैथल के सदस्य की बहाली के आदेश पर रोक लगाई। साथ ही प्रतिवादियों व सरकार को जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया गया।

High Court: एक लाख रुपए की रिश्वत के मामले में निलंबित जिला परिषद कैथल के सदस्य विक्रमजीत को बहाल करने के आदेश पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इसके साथ ही सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिका दाखिल करते हुए कैथल निवासी बिजेंद्र के वकील जगबीर मलिक ने हाई कोर्ट को बताया कि 2022 के चुनाव में विक्रमजीत को जिला परिषद का सदस्य चुना गया था। इसके बाद उसके खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया था लेकिन 14 मई को आदेश जारी कर उसे बहाल करने का फैसला लिया गया।

पंचायती एक्ट के खिलाफ जाकर किया था बहाल

याची ने कोर्ट को बताया कि बहाली का कार्य पंचायती राज एक्ट के खिलाफ जाकर किया गया है और अभी तक इस मामले में कोई इंक्वायरी तक नहीं हुई। याची ने हाईकोर्ट से अपील की कि इस मामले में जांच का आदेश दिया जाए और जांच के आधार पर विक्रमजीत को पद से हटाया जाए। हरियाणा सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि विक्रमजीत के खिलाफ अभी आरोप तय नहीं हुए हैं और ऐसे में उन्हें बहाल किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनकर याचिका पर हरियाणा सरकार व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही विक्रमजीत की बहाली पर फिलहाल रोक लगा दी है।

अंबाला जेल रोड बंद करने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, हरियाणा सरकार व अन्य को नोटिस

अंबाला जेल अधीक्षक द्वारा केंद्रीय जेल रोड को नाकेबंदी कर बंद करने के चलते स्थानीय लोगों को होने वाली परेशानी की दलील देते हुए दाखिल याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार, अंबाला के डीसी, एसपी व आईजी जेल को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। गैर कानूनी तरीके से जेल रोड बंद करने का आरोप लगाते हुए एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने इसे खोलने का निर्देश जारी करने की अपील की है। याची ने बताया कि उसने पत्र लिखकर जेल अधीक्षक सहित प्रशासनिक अधिकारियों को रोड खोलने का आग्रह किया लेकिन इसे नहीं खोला गया। इसके बाद एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रोड को खोलने की मांग की।

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