मार्केट फीस का विरोध: प्रदेश की सब्जी मंडियों में हड़ताल, 10 फरवरी से अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान

Market head Sonu Chhabra and general secretary Sahil Maggu talking to journalists in the vegetable m
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रोहतक की सब्जी मंडी में पत्रकारों से बातचीत करते मंडी प्रधान सोनू छाबड़ा व महासचिव साहिल मग्गू।
हरियाणा में फल स सब्जी पर मार्केट फीस लगाने के विरोध में सब्जी मंडियों में विरोध शुरू हो गया। मंडी एसोसिएशन ने 10 फरवरी से अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान कर दिया है।

Rohtak: सरकार की तरफ से जारी किए गए मार्केट फीस के नए नोटिफिकेशन के खिलाफ प्रदेशभर की सब्जी मंड़ियों में हड़ताल शुरू की गई। वहीं, 10 फरवरी से अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया गया। यह घोषणा रोहतक सब्जी मंडी के प्रधान सोनू छाबड़ा ने सब्जीमंडी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान की। उन्होंने कहा कि एक दिसंबर 2023 को सरकार की तरफ से सब्जी मंडियों में बिकने वाले फल और सब्जी पर मार्केट फीस को लेकर एकमुश्त कर लगाने का नोटिफिकेशन जारी किया गया। इससे पहले 2020 में एक प्रतिशत मार्केट फीस और एक प्रतिशत एचआरडीएफ लगाया गया था, जिसका पूरे प्रदेश के आढ़ती लगातार विरोध कर रहे थे।

सरकार को गुमराह कर रहे अधिकारी, एकमुश्त नहीं देंगे मार्केट फीस

सब्जी मंडी प्रधान सोनू छाबड़ा ने बताया कि नए नोटिफिकेशन में स्लैब बनाकर एडवांस में आढ़तियों को मार्केट फीस भरने को कहा गया है। इसके अंदर बहुत सारी त्रुटियां हैं और यह फैसला व्यापारियों के हित में नहीं है। अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं और कुछ लोग सरकार की गुड बुक्स में रहकर मंडियों के व्यापार को खराब करने पर उतारू है। आढ़ती तो किसानों और अंतिम उपभोक्ता के बीच की कड़ी है, हम लोग ग्राहक से दो प्रतिशत टैक्स लेकर प्रति सप्ताह सरकार को देते हैं। मौसम के अनुसार किसी वर्ष फसल कम या ज्यादा होने के कारण हमारा व्यापार प्रभावित होता है इसलिए हम एडवांस में कैसे मार्केट फीस भर सकते हैं। किसी भी कीमत पर एक मुश्त मार्केट फीस नहीं दी जाएगी।

पूरे देश में कहीं भी एक मुश्त मार्केट फीस नहीं ली जा रही

सब्जी मंडी प्रधान सोनू छाबड़ा ने बताया कि किसी कारणवश पारिवारिक या शारीरिक परेशानी के कारण अगर कोई आढ़ती का व्यापार प्रभावित होता है और वह मार्केट फीस पहले ही भर चुका है, तो उसे मार्केट फीस वापस लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ेंगे। साथ ही देश के बहुत से राज्य ऐसे हैं जहां पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जैसे यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश और कहीं पर यह मार्केट फीस 50 पैसे है, कहीं 75 पैसे। लेकिन पूरे देश में ऐसा कोई भी राज्य नहीं है जहां पर काम करने से पहले मार्केट फीस भरवा ली जाती हो। हरियाणा के आढ़ती इसका विरोध करते हैं और 10 फरवरी से हरियाणा की सभी छोटी बड़ी मंडियां बंद रहेंगी, सभी आढ़ती अपना लाइसेंस सरेंडर कर देंगे।

कृषिमंडी ने ट्विटर पर कहा था कि फल सब्जी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा

सब्जी मंडी महासचिव साहिल मग्गू ने कहा कि करीब 2 साल पहले कृषि मंत्री ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी थी कि अब मंडियों में फल और सब्जी बेचने पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा। जब लोगों को यह बात पता चली तो बहुत से लोगों ने यह टैक्स देने के लिए मना कर दिया और बहुत बार तो आढ़तियों को अपनी जेब से यह टैक्स सरकार को देना पड़ता है। एक आढ़ती इतना सक्षम नहीं होता कि वह किसानों को भी फसल लगाने के लिए एडवांस दे और एडवांस में ही सरकार को मार्केट फीस दे। चाहे किसी सरकारी या प्राइवेट कर्मचारी के तनख्वाह की बात हो तो तनख्वाह आने के बाद ही उसमें से टैक्स काटा जाता है, ना की पूरे साल का एडवांस ले लिया जाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 8 फरवरी तक यह रद्द नहीं किया गया तो पूरे हरियाणा में 10 फरवरी से सभी मंडियों में अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल की जाएगी।

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