एनसीआर माइनर बनी शवों का अड्डा: गर्मी बढ़ी तो मिलने लगे शव, नहाने के लिए नहर में उतरने पर हादसे का हो  रहे शिकार 

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प्रतीकात्मक तस्वीर। 
बहादुरगढ़ में एनसीआर माइनर से एक और शव बरामद हुआ है। मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर नागरिक अस्पताल में भेज दिया।

Bahadurgarh: गर्मी बढ़ने के साथ ही एनसीआर माइनर में शव मिलने के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं। गर्मी के साथ ही एनसीआर माइनर शवों का अड्डा बनती जा रही है। इसी कड़ी में अब रोहद के निकट एनसीआर माइनर से एक और शव बरामद हुआ है। मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर नागरिक अस्पताल में भेज दिया। शव का शिनाख्त न होने के कारण उसे 72 घंटे के लिए रखवाया गया है, जिसके बाद पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। पुलिस मृतक की शिनाख्त करवाने का प्रयास कर रही है।

माइनर में अटका हुआ था युवक का शव

रोहद से गुजर रही माइनर में अटके शव पर किसी व्यक्ति की नजर गई, जिसने पुलिस को सूचना दी। आसौदा थाने से पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पानी से बाहर निकाला गया। शव कुछ दिन पुराना प्रतीत हो रहा है। पुलिस ने बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल में शव को रखवा दिया। मृतक की उम्र करीब 35 वर्ष आंकी जा रही है। जांच अधिकारी सुरेंद्र कुमार का कहना है कि संभवत: नहाते वक्त डूबकर युवक की मौत हुई होगी। पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। आस पास चौकी थानों से संपर्क किया जा रहा है। परिजनों के मिलने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

एनसीआर माइनर की गहराई अधिक

बता दें कि एनसीआर माइनर कई जिलों के काफी गांवों से होकर गुजर रही है। इसकी गहराई काफी अधिक है और पानी का बहाव भी तेज रहता है। गर्मी से राहत पाने के लिए लोग इसमें नहाने लगते हैं। इस कारण कई बार दुर्घटनाएं हो जाती है। हर साल इस माइनर से काफी शव बरामद होते हैं। कई शव तो ऐसे मिलते हैं, जिनकी शिनाख्त तक नहीं हो पाती। हालांकि पुलिस द्वारा इस माइनर में नहाने से रोक लगाई गई है लेकिन फिर भी लोग नहीं मानते और नहाते समय हादसे का शिकार हो जाते हैं।

झज्जर में मासूम की मौत: खेलते समय पानी की टंकी में गिरा, डूबने के कारण हुई मौत

क्षेत्र के गांव सिलानी में पानी में डूबने के कारण करीब डेढ़ वर्षीय एक मासूम की मौत हो गई। यह हादसा उस दौरान हुआ, जब वह आस-पड़ोस के बच्चों के संग खेल रहा था। गुजरात के शिमली निवासी निकेश ने बताया कि वह सिलानी गांव में किराए पर रहते हुए क्षेत्र में दिहाड़ी-मजदूरी का कार्य करता है। मृतक राजवीर अपने दो बहन-भाइयों के साथ खेल रहा था। जब काफी समय तक वह खेल रहे बच्चों में दिखाई नहीं दिया तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। उन्हें वह एक पानी की टंकी में बेहोश पड़ा मिला, जिसे उपचार के लिए अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले के जांच अधिकारी रविंद्र ने बताया कि मासूम राजवीर के पिता के बयानों पर इत्तेफाकिया कार्रवाई अमल में लाई गई है।

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