मंत्री राव नरबीर ने अफसरों के साथ किया चिंतन: जंगल सफारी होगा फलीभूत, सर्वोच्च न्यायालय से लेंगे अनुमति 

Minister Rao Narbir Singh.
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मंत्री राव नरबीर सिंह। 
मंत्री राव नरबीर सिंह ने 10 हजार एकड़ में सफारी स्थापित करने की योजना को अमली जामा पहनाने के लिए अधिकारियों के साथ मंथन किया।

योगेंद्र शर्मा, चंडीगढ़: हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव विभाग की ओर से 10 हजार एकड़ में सफारी स्थापित करने की योजना को अमली जामा पहनाने की शुरुआत कर दी गई है। इस क्रम में सुप्रीम कोर्ट की विशेष कमेटी से जल्द अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरु होगी। वहीं, ढाई हजार एकड़ से किकर के पेड़ों का सफाया कर, इनके स्थान पर फलदार पौधे लगाए जाएंगे। कुछ इस तरह के पौधे लगाने की मुहिम भी चलेगी, ताकि वन्य प्राणियों, पक्षियों को वहां से भोजन प्राप्त करने में आसानी हो सके। इसको लेकर विभागीय आला अफसरों के साथ में मंत्री राव नरबीर ने घंटो मंथन किया।

किकर के पेड़ हटाने के दे चुके आदेश

मंत्री राव नरबीर शारजहां विजिट कर चुके हैं और ढाई हजार एकड़ से किकर के पेड़ हटाने के आदेश दिए हैं, ताकि वहां पर फल और छायादार पौधों को लगाकर अच्छे पेड़ तैयार किए जा सकें। किकर का कोई फायदा नहीं है। अरावली गुरुग्राम सोहना के बीच में जंगलात व वन क्षेत्र में स्थापित होने वाला सफारी अपने आप में बड़ा घना एरिया वाला सफारी होगा। मंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए कि अरावली पर्वतीय श्रृंखला में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की उनकी मंशा है, इस योजना को लेकर जंगल सफारी पर तेजी से काम करना होगा। अधिकारी स्थिति का जायजा लें, वहां पर जाएं ताकि जल्द धरातल पर योजना को उतारा जा सके।

परियजोना वन्य जीव विभाग के पास आई

खास बात यह है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उक्त अहम परियजोना की जिम्मेवारी अब सैद्धांतिक रूप से पर्यटन विभाग से ले ली है। जिसके बाद इसे वन एवं वन्य जीव विभाग को सौंपा गया है। इसके बाद विभाग के अधिकारियों को जल्द ही फैसला लेना होगा कि जीव जंतु को इस सफारी में कहां कहां रखना है। जिस एजेंसी को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेवारी दी है, उस पर प्रस्तुतिकरण भी दिया है।

अरबेनियन में ग्रीन वाल परियोजना को मंत्री ने देखा

मंत्री राव नरबीर सिंह ने अरबेनियन में ग्रीन वाल परियोजना का दौरा कर लिया है, वहां की व्यवस्था को देखने के बाद प्रक्रिया को तेज करने का फैसला लिया। इस परियोजना को भी अरावली पर्वतीय श्रृंखला में लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं। अफसरों से चिंतन मंथन के बाद मंत्री ने जल्द ही सुप्रीम कोर्ट की विशेष कमेटी से अनुमति ले लिए जाने की बात कही है। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, प्रधान प्रमुख वन संरक्षक जगदीश चंद्र और अन्य ने अपने अनुभवों के आधार पर मंत्री के सामने सुझाव दिए और जल्द ही इस पर प्रक्रिया को तेज करने का संकल्प दोहराया।

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