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Mera Pani Meri Virasat Yojna: हरियाणा सरकार द्वारा मेरा पानी मेरी विरासत योजना लाई गई थी। इस योजना के तहत हरियाणा के डार्क जोन में शामिल क्षेत्रों में धान की खेती छोड़ने और धान के जगह पर अन्य विकल्पित फसलों की बुआई करने वाले किसानों को 7 हजार रुपये दी जाती है।

Mera Pani Meri Virasat Yojna: हरियाणा सरकार द्वारा मेरा पानी मेरी विरासत योजना लाई गई थी। इस योजना के तहत हरियाणा के डार्क जोन में शामिल क्षेत्रों में धान की खेती छोड़ने और धान के जगह पर अन्य विकल्पित फसलों की बुआई करने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि राज्य सरकार द्वारा दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत पहले चरण में राज्य के 19 ब्लॉक शामिल किया गया था, जिनमें भू-जल की गहराई 40 मीटर से ज्यादा थी। इनमें से भी आठ ब्लॉक में धान की रोपाई ज्यादा है जिनमें कैथल के सीवन और  सिरसा, गुहला, फतेहाबाद में रतिया और कुरुक्षेत्र में शाहाबाद, इस्माइलाबाद, पिपली और बबैन शामिल थे।

इसके अलावा इस इस योजना के तहत वह क्षेत्र भी शामिल थे जहां 50 हार्स पावर से अधिक क्षमता वाले ट्यूबवेल का इस्तेमाल किया जा रहा है। राज्य के किसान धान के जगह पर अन्य वैकल्पिक फैसले जैसे  मूंग,  मक्का, अरहर, तिल, उड़द, कपास और सब्जी की खेती कर सकते हैं। सरकार ने कहा था कि जिन ब्लॉक में पानी 35 मीटर से नीचे है, वहां पंचायती जमीन पर धान की खेती की अनुमति नहीं मिलेगी।

योजना का उद्देश्य

बता दें कि हरियाणा में ऐसी जगह है, जहां पर पानी की कमी के कारण धान की खेती नहीं की जा सकती है और किसानों से सरकार द्वारा अनुरोध किया गया है कि किसान वहां धान की खेती न करें क्योकि धान की खेती में बहुत अधिक पानी लगता है। इसलिए राज्य सरकार ने धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों की बुआई करने वाले किसानों को हरियाणा मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की जाएगी। सरकार ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए राज्य के किसानों से अपील की थी। इस योजना के माध्यम से किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने के लिए भी प्रेरित किया गया।

योजना की विशेषता

-राज्य सरकार ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना को लॉन्च किया था।

-मेरा पानी मेरी विरासत के तहत किसानों को धान की खेती छोड़ने में कोई परेशानी न हो इसलिए सरकार द्वारा उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

-सरकार ने इस योजना को लॉन्च करते हुए कहा था कि डार्क जोन में शामिल क्षेत्रों में रहने वाले जो किसान धान की खेती छोड़ देंगे उन्हें सरकार द्वारा 7000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी।

-साथ ही वेब पोर्टल बनाया गया है जिस पर किसान अपनी समस्याओं का निदान पाने के लिए आवाज उठा सकते हैं।

-राज्य के किसी  दूसरे ब्लॉक में भी इच्छुक किसान धान की खेती छोड़ना चाहते हैं तो वह भी इस योजना के तहत अनुदान के लिए आवेदन कर सकते है।

जरूरी दस्तावेज

आवेदक हरियाणा का स्थायी निवासी होना चाहिए।

कृषि योग्य भूमि के कागजात

आधार कार्ड

पहचान पत्र

बैंक अकाउंट पासबुक

पासपोर्ट साइज फोटो

मोबाइल नंबर

कैसे कर सकेंगे आवेदन

-आवेदक को योजना की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा।  

-होम पेज पर आपको दिए गए ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपके सामने अगला पेज खुल जाएगा।

-इसके बाद आपके सामने लॉगिन फॉर्म आ जाएगा आपको लॉगिन फॉर्म में अपना मोबाइल नंबर भरना होगा और फिर कैप्चा कोड डालकर लॉगिन के बटन पर क्लिक करना करना होगा।

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-इस बटन पर क्लिक करने के बाद आपके आपके सामने रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा।

-अब आपको रजिस्ट्रेशन फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी को भरना होगा।

-सभी जानकारी भरने के बाद आपको सबमिट के बटन पर क्लिक करना होगा। 

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