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हरियाणा के अलेवा में स्वास्थ्य विभाग ने नगूरां पीएचसी में स्टाफ की नियुक्ति के अतिरिक्त सामान की व्यवस्था कर दी। साथ ही डिलीवरी हट के लिए स्टाफ की नियुक्ति भी गई। इयससे 9 गांवों को लाभ होगा।

अलेवा/जींद: गांव नगूरां सहित 9 गांवों के ग्रामीणों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा बड़ा तोहफा देने की कवायद तेज कर दी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने नगूरां पीएचसी में स्टाफ की नियुक्ति के अतिरिक्त सामान की व्यवस्था कर दी। दरअसल स्वास्थ्य विभाग ने नगूरां ग्राम पंचायत की लंबे समय से की जा रही मांग के चलते नगूरां पीएचसी में डिलीवरी हट स्थापित करने का फैसला लिया तथा इसके लिए आवश्यक सभी सामान पीएचसी में पहुंचने के साथ-साथ डिलीवरी हट के लिए स्टाफ की नियुक्ति भी कर दी। सुरक्षित डिलीवरी के लिए अन्य प्रबंधों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के इस कदम से न केवल नगूरां बल्कि समीपवर्ती नौ गांवों के लोगों को सीधा फायदा होगा।

आठ साल पहले बनी थी गांव में पीएचसी

ग्रामीणों द्वारा लगातार की जा रही मांग के चलते लगभग आठ साल पूर्व प्रदेश के सीएम मनोहर लाल के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव नगूरां में पीएचसी का निर्माण करवाया था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती इस पीएचसी में स्टाफ की नियुक्ति करना था। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों का ग्रामीणों को पूरा सहयोग मिला तथा ग्रामीणों की मांग के अनुसार पीएचसी नगूरां में एक पुरूष चिकित्सा अधिकारी, एक महिला चिकित्सा अधिकारी, एक पुरूष स्वास्थ्य निरीक्षक, एक फार्मासिस्ट, चार स्टाफ नर्स, दो लैब टैक्निीशियनों के साथ-साथ तीन आऊटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति कर पीएचसी को सुचारू रूप से चलाने की कवायद तेज हुई। जिससे आसपास गांव के ग्रामीणों को सीधा लाभ होगा। इस पीएचसी में डिलीवरी हट चालू होने से ग्रामीणों का समय और पैसा दोनों बचने लगेगा। वहीं इमरजेंसी की स्थिति में गांव के निकट ही स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध होने लगेगी।

सीधे तौर पर नगूरां के साथ-साथ ये गांव होंगे लाभांवित 

नगूरां पीएचसी के तहत नौ गांव आते हैं। जो पहले से ही इस पीएचसी पर मिलने वाली चिकित्सा सुविधा से लाभांवित हो रहे थे। अब पीएचसी में डिलीवरी हट शुरू होने के बाद सीधा लाभ उक्त सभी गांवों की गर्भवती महिलाओं को भी मिलेगा। इन गांवों में नगूरां के साथ-साथ रायचंदवाला, शाहपुर, जीवनपुर, दिल्लूवाला, खुंगा कोठी, चांदपुर, हसनपुर, मांडी खुर्द आदि गांव शामिल है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी नियमों के अनुसार गांव की आबादी 15 हजार से अधिक होने पर दूसरा उप स्वास्थ्य केंद्र खोला जाना चाहिए था। लेकिन सरकार ने पहले से ही स्थापित पीएचसी में डिलीवरी हट स्थापित करके एक बड़ा तोहफा ग्रामीणों को दिया है।

पहले से ज्यादा सुरक्षित होंगे जच्चा-बच्चा

ग्रामीणों को कहना है कि आज देश की बड़ी आबादी गांव में निवास करती है, लेकिन शहरों की उपेक्षा गांव में आज भी सुरक्षित प्रसव की सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। यही वजह है कि आज भी एक बड़ा वर्ग परम्परागत तरीके से डिलीवरी करवाने के तरीके अपनाने पर मजबूर है। आज भी गांव में प्रसव का कार्य दाइयां संभाल रही है। ऐसे में जच्चा-बच्चा के लिए जोखिम की स्थिति बनी रहती है। जिस प्रकार से सरकार द्वारा नगूरां पीएचसी में डिलीवरी हट स्थापित किया है। इससे ग्रामीण महिलाओं को भी गर्भवस्था के दौरान सही जांच व चिकित्सों का मार्गदर्शन मिल सकेगा। जिससे सुरक्षित प्रसव होने के साथ-साथ बच्चा व जच्चा दोनों ही पहले से अधिक सुरक्षित होंगे।

लंबे समय से थी डिलीवरी हट की मांग : डॉ. रमेश पांचाल

डिप्टी सीएमओ डॉ. रमेश पांचाल ने बताया कि ग्रामीणों की लंबे समय से चली आ रही मांग को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने नगूरां पीएचसी में स्टाफ की नियुक्ति के साथ-साथ डिलीवरी हट के लिए सामान पहुंचा दिया है। स्वास्थ्य विभाग ग्रामीणों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने के लिए कृतसंकल्प है। डिलीवरी हट जल्द कार्यशील बने इसके लिए सिविल सर्जन की तरफ से भरसक प्रयास है और एक सप्ताह के अंदर-अंदर डिलीवरी हट शुरू हो जाएगा।

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