हरियाणा स्टेट सॉन्ग अभी नहीं होगा लॉन्च: दो लेखकों की कॉपीराइट के बाद फैसला, असेंबली सेक्रेटरी को भी मिलीं शिकायतें

Launch of Haryana state song halted after two writers dispute copyright
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दो लेखकों के कॉपीराइट के बाद हरियाणा के राज्य गीत की लॉन्चिंग रुकी।
Haryana State Song: हरियाणा के पहले राज्य गीत को लेकर चल रहे विवाद के बाद इसकी लॉन्चिंग रोक दी गई है। सोनीपत और फतेहाबाद के रहने वाले दो लेखकों ने लिरिक्स चोरी करने के आरोप लगाए हैं।

Haryana State Song Launching: हरियाणा के पहले स्टेट सांग की लॉन्चिंग को रोक दिया गया है। विधानसभा के बजट सत्र में इसे पेश किया जाने वाला था, लेकिन सोनीपत और फतेहाबाद के दो लेखकों के कॉपीराइट के बाद इसकी लॉंचिंग नहीं पाएगी। बता दें कि प्रदेश के पांच विधायकों की राज्य गीत चयन कमेटी की ओर स्टेट सांग को फाइनल कर भी कर दिया गया था।

लेखकों का आरोप है कि इस गीत के लिरिक्स उनके गीतों से लिए गए हैं। इसको लेकर विधानसभा सेक्रेटरी के पास भी 3 आपत्तियां आ चुकी हैं। हालांकि इस विवाद को सुलझाने के लिए कमेटी की बैठक भी हुई, लेकिन कोई फैसला नहीं पाया। इसके चलते स्टेट सांग की लॉन्चिंग को अभी के लिए रोक दिया गया है।

इन लेखकों ने लगाए आरोप

हरियाणा के पहले स्टेट सांग को लेकर सोनीपत की अभिनेत्री और लेखिका गीतू परी ने लिरिक्स चोरी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि यह गीत उन्होंने 29 जनवरी 2024 को लिखा था। गीतू परी के मुताबिक, गीत के टाइटल में उन्होंने 2 बार जय-जय लिखा था, कमेटी की ओर फाइनल राज्य गीत में 3 बार जय-जय-जय लिख दिया गया है। लेखिका गीतू परी ने राज्य गीत में कई लाइनें ऐसी हैं, जो उनके लिखे गीत से चुराई गई हैं।

वहीं, फतेहाबाद के रहने वाले कृष्ण कुमार ने दावा किया कि उनके द्वारा लिखे गए हरियाणवी गीत को हिंदी में ट्रांसलेट कर दिया गया है। उनका कहना है कि जुलाई 2021 में उन्होंने इस गीत को लिखा था, जिसे उन्होंने अखबार में राज्य गीत के लिए सरकार की ओर से दिए गए विज्ञापन को देखने के बाद लिखा था। कृष्ण कुमार ने बताया कि उन्होंने विज्ञापन पर दिए गए मेल पर भेज दिया था। लेखक ने दावा किया है कि कमेटी की ओर से फाइनल किए गए गीत के 85 प्रतिशत लिरिक्स उनके गीत से लिए गए हैं, जिसका क्रेडिट उन्हें दिया जाना चाहिए।

डॉ. बालकिशन ने लिखा राज्य गीत

राज्य गीत चयन कमेटी की ओर से फाइनल किए गए गीत को पानीपत के डॉ. बालकिशन शर्मा के द्वारा लिखा गया है। बता दें कि इस राज्य गीच में 21 लाइनें हैं, जिसमें कुरुक्षेत्र की धरती से लेकर किसानों, खिलाड़ियों, सैनिकों और दूध-दही के खाने का जिक्र किया गया है। इसके अलावा सिंगर डॉ. श्याम शर्मा और कंपोजर पारस चोपड़ा ने इस गीत को कंपोज किया है। इस गीत को डॉ. श्याम शर्मा ने गाया है, वहीं रोहतक की मालविका पंडित ने इस गीत को डायरेक्ट किया है।

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