Haryana Oath Ceremony: हरियाणा में इस वजह से 17 अक्टूबर को होगा शपथ ग्रहण समारोह, ये बड़ा संदेश देना चाहती है बीजेपी

nayab singh saini
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नायब सिंह सैनी।
हरियाणा में 17 अक्टूबर को नई सरकार का गठन होने जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वाल्मीकि जयंती के मौके पर शपथ गृहण समारोह करके बीजेपी दलितों को साधना चाहती है।

Haryana Oath Ceremony: हरियाणा में नई सरकार का गठन आज (14 अक्टूबर) से ठीक तीन दिन बाद होने जा रहा है। वहीं 16 अक्टूबर को विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम पर औपचारिक मुहर लग जाएगी। हालांकि, नायब सिंह सैनी का फिर से मुख्यमंत्री बनना तय है। लेकिन, इसकी आधिकारिक घोषणा होना अभी बाकी है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने 17 अक्टूबर का दिन शपथ ग्रहण के लिए ऐसे ही नहीं चुना है। बल्कि, इसके पीछे एक बड़ी रणनीति बताई जा रही है। जिसके जरिए बीजेपी प्रदेश की जनता को एक बड़ा संदेश देगी।

दरअसल, जिस दिन प्रदेश में नई सरकार का गठन होना है। उस दिन वाल्मीकि जयंती है। वाल्मीकि समाज के लोग वाल्मीकि जयंती को परगट दिवस के रूप में भी मनाते हैं। इसी मौके का फायदा उठाते हुए बीजेपी ने हरियाणा सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम रखा है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि इस समारोह के जरिए बीजेपी दलित समुदाय को पार्टी से कनेक्ट करना चाहती है और दलित समुदाय के लोगों को बताना चाहती है कि पार्टी हमेशा दलितों के साथ है। जिसके चलते नायब सैनी सरकार ने पहले ही वाल्मिकी जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रदेश में 21 फीसदी के करीब दलित समुदाय के लोग रहते हैं, जो सियासी तौर पर जाट समुदाय के बाद दूसरी सबसे बड़ी जाति है। लोकसभा चुनाव में जाट और दलित समीकरण के सहारे कांग्रेस पार्टी 10 में से 5 सीटें अपने खेमे में लाने में कामयाब रही थी। हालांकि, विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने प्रदेश में हैट्रिक लगाते हुए बड़ी जीत हासिल की है और कांग्रेस जीत के करीब होने के बावजूद फिर से सत्ता से बाहर हो गई। ऐसे में बीजेपी ने हारा हुआ चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है। प्रदेश में बीजेपी दलित और ओबीसी वोटरों को जोड़ने में कामयाब रही और आखिरी समय में पासा पलट दिया।

कहा जा रहा है कि हरियाणा में भाजपा ने गैर जाटलैंड के साथ-साथ दलित और ओबीसी समुदाय में पकड़ बना कर रखी है। ऐसे में शपथ ग्रहण समारोह के जरिए बीजेपी एक बार फिर दलित समाज को संदेश देने की कवायद में है, जिसके लिए महर्षि वाल्मीकि जयंती का दिन चुना है। इस तरह बीजेपी की कोशिश दलित समाज को अपने साथ मजबूती से जोड़े रखने की रणनीति है।

बता दें कि हाल ही में प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए है और बीजेपी ने 48 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत हासिल किया है। इसी के साथ बीजेपी ने प्रदेश में लगातार तीसरी बार अपनी सरकार बनाने जा रही है। वहीं बीजेपी को तीन निर्दलीयों का भी साथ मिल गया है। बीजेपी के पास अब 51 विधायक हो गए हैं। वहीं कांग्रेस महज 37 विधानसभा सीटों पर सिमट कर रह गई है। हालांकि, कई एग्जिट पोल में दावा किया जा रहा था कि कांग्रेस 50-55 सीटें लाकर 10 साल बाद अपना वनवास खत्म कर प्रदेश की सत्ता में लौट सकती है।

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