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Haryana government School: हरियाणा सरकार  60 हजार अस्थाई मान्यता प्राप्त 1032 स्कूलों के विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा के लिए सरकारी स्कूलों में मर्ज कर रही है।

Haryana government School: हरियाणा सरकार ने अस्थाई मान्यता प्राप्त 1032 स्कूलों के 10वीं और 12वीं कक्षा के लगभग 60 हजार विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा की तैयारी शुरू हो गई है। इन विद्यार्थियों को 20 से कम छात्रों की संख्या वाले स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में एडमिशन के बाद इनका हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से एनरोलमेंट करवाने के बाद फार्म भरवाए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने इसके लिए डीईओ और डीईईओ को 8 जनवरी 2023 तक का समय दिया है। शिक्षा विभाग की ओर से यह इसलिए लिया गया है क्योंकी 27 फरवरी से बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं।

स्कूलों को भरने होंगे बॉन्ड अमाउंट 

हरियाणा के अस्थाई मान्यता प्राप्त 1032 स्कूलों को सरकार ने पहले ही मान्यता देने से साफ मना कर चुकी है। निजी स्कूलों को 60 हजार बच्चों के माध्यम से यह उम्मीद थी कि हरियाणा सरकार विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए उन्हें राहत दे सकती है। लेकिन सरकार छात्रों के भविष्य के बारे में सोचते हुए इस झंझट ही खत्म कर दिया और निजी स्कूलों के विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों में एडमिशन के लिए कहा गया है। वहीं, अब अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के पास बांड अमाउंट भरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।

इन स्कूलों को मिलेगी स्थाई मान्यता

शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने पत्र जारी किया था कि स्कूलों को स्थाई मान्यता के लिए तय निर्धारित  बॉन्ड अमाउंट भरनी होगी, जो स्कूल बॉन्ड राशि जमा करा देगा, वह हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से सत्र 2023-24 के लिए संबद्धता ले सकेगा और उस स्कूल के विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे। साथ ही वह स्कूल 31 मार्च, 2024 तक स्थाई मान्यता प्राप्त कर सकेंगे।

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इतना देना होगा बॉन्ड अमाउंट

इस पॉलिसी के तहत कक्षा 5वीं  तक के स्कूल को एक लाख, 8वीं तक के स्कूल को 1.50 लाख और सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के लिए  2 लाख रुपये बॉन्ड राशि तय की गई है। वहीं अगर हरियाणा सरकार की ओर से तय की गई अवधि में स्कूल मान्यता लेता है, तो बॉन्ड अमाउंट स्कूल को वापस को वापस कर दिया जाएगा। लेकिन अगर कोई स्कूल ऐसा नहीं करता है, तो उसकी राशि जब्त हो जाएगी। हालांकि, निजी स्कूल के  संचालक बॉन्ड अमाउंट को अधिक बताकर इसमें राहत की मांग कर रहे थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने यह रास्ता बंद कर दिया। 

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