बेरोजगारी को लेकर बोले पूर्व सीएम हुड्डा: स्वीपर की कच्ची नौकरी करने को मजबूर ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट युवा

Bhupendra Singh Hooda.
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा। 
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में बेरोजगारी के चलते मजबूरी में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवा चपरासी की नौकरी के लिए भी भटक रहे हैं।

हरियाणा: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। खुद बीजेपी सरकार के आंकड़े बताते हैं कि बेरोजगारी के चलते मजबूरी में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवा कौशल रोजगार निगम में सफाई कर्मी की कच्ची नौकरी भी करने को तैयार हैं। स्वीपर के लिए निकले पदों पर 39,990 ग्रेजुएट और 6112 पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं ने आवेदन किया। 1,17,144 बारहवीं पास युवा भी इस कच्ची नौकरी को करने की इच्छा रखते हैं। कुल मिलाकर 3.95 लाख युवा स्वीपर की नौकरी के लिए कतार में खड़े हैं।

चपरासी के पद पर दिखा बेरोजगारी का हाल

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पानीपत कोर्ट में चपरासी के 6 पदों की भर्ती में बेरोजगारी का हाल देखने को मिला। लेकिन उसके लिए अप्लाई करने वाले 10 हजार युवा थे। इनमें बीए, एमए, एमफिल, पीएचडी, बीटेक और एमटेक पास युवा शामिल थे। एचएसएससी द्वारा निकाली गई ग्रुप-डी की 18 हजार भर्तियों के लिए 18 लाख बेरोजगार युवाओं ने अप्लाई किया था और क्लर्क के 6 हजार पदों के लिए 25 लाख युवाओं ने अप्लाई किया था।

बेरोजगारी में हरियाणा बना नंबर वन

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा कांग्रेस सरकार के दौरान देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला राज्य था, उसे बीजेपी ने बेरोजगारी में नंबर वन बना दिया। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी से लेकर एनएसओ के आंकड़े खुद इसकी तस्दीक करते हैं। केंद्र सरकार ने संसद में खुद माना कि हरियाणा में भाजपा सरकार बनने के बाद बेरोजगारी तीन गुना बढ़ गई। केंद्र सरकार ने बताया कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार के समय 2013-14 में बेरोजगारी दर सिर्फ 2.9 प्रतिशत थी जो बीजेपी सरकार के दौरान 9.0 प्रतिशत पहुंच गई। प्रदेश के सरकारी विभागों में 2 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं।

प्रदेश में निवेश आना हुआ बंद

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि निजी निवेश पूरी तरह प्रदेश में आना बंद हो गया है। जबकि 2014 से पहले हरियाणा प्रति व्यक्ति निवेश के मामले में देश का नंबर वन राज्य था। आज हरियाणा के युवा रोजी-रोटी की तलाश में या तो प्रदेश छोड़ रहे हैं या देश ही छोड़कर बाहर जा रहे हैं। कांग्रेस सरकार के समय नौकरियों की तैयारियों के लिए हरेक गली-मोहल्ले में कोचिंग सेंटर खुलते थे, लेकिन आज गली-गली में इमिग्रेशन वालों के ऑफिस खुल रहे हैं।

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